हिजबुल के लिए जम्मू-कश्मीर में ड्रग्स बेचता था लड्डी राम, पाकिस्तान जाता था पैसा; बहुत बड़े नार्को-आतंकवाद का पर्दाफाश
- यह इस तरह के मामले में तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले मामले में दो अन्य अपराधी मास्टरमाइंड अरशद अहमद अल्ली और फयाज अहमद डार की गिरफ्तारी हो चुकी है।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में नार्को-आतंकवाद पर बड़ी कार्रवाई के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को एक नार्को ऑपरेटिव लड्डी राम को गिरफ्तार किया। यह मामला आतंकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) की विध्वंसक गतिविधियों की फंडिंग से जुड़ा है। नार्को-आतंकवाद के जरिए कमाए गए इस पैसे का इस्तेमाल ये आतंकी संगठन करता था। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि लड्डी राम की पहचान काठुआ निवासी के रूप में की गई है। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को जम्मू की प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश (नामित पीएमएलए कोर्ट) ने लड्डी राम को चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया। यह इस तरह के मामले में तीसरी गिरफ्तारी है। इससे पहले मामले में दो अन्य अपराधी मास्टरमाइंड अरशद अहमद अल्ली और फयाज अहमद डार की गिरफ्तारी हो चुकी है।
ईडी ने जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा अरशद अहमद अल्ली, फयाज अहमद डार, लड्डी राम और अन्य आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम, 1985 और यूए (पी) अधिनियम, 1967 के तहत दर्ज एफआईआर और आरोपपत्रों के आधार पर जांच शुरू की। ये सभी आरोपी एक नार्को-आतंकवाद मॉड्यूल के संचालन में शामिल थे। इस मॉड्यूल को पुलिस ने 2019 में तोड़ा था, जिसके बाद ड्रग्स और अवैध नकदी की पहचान और जब्ती की गई थी।
आरोपी अल्ताफ हाफिज एक धार्मिक शिक्षक है। उसने पाकिस्तान स्थित हैंडलरों के इशारों पर भारत में हेरोइन की तस्करी की थी। अधिकारियों ने बताया कि फयाज अहमद डार के सहयोग से अरशद अहमद अल्ली इस धंधे में लगा हुआ था। वह अल्ताफ हाफिज से हेरोइन उठाकर अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में स्थित अपनी शॉप 'न्यू स्टाइल कार बाजार' में ड्रग्स को दूसरे ऑपरेटिव को बांटता था। इसी ड्रग्स को बाद में लड्डी राम को सप्लाई किया जाता था।
लड्डी राम ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब में ड्रग्स बेची और उसके पैसे अरशद को भेजे। अरशद ने आगे इस पैसे को लतीफ डार और शफी भट को भेजा, जो कि हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व आतंकवादी थे। डार और भट ने इन पैसों का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों को प्रायोजित करने के लिए किया। ईडी के अधिकारी के अनुसार, सभी आरोपी पाकिस्तान स्थित फाइनेंसरों और हिजबुल मुजाहिदीन के हैंडलरों के निर्देशों पर काम कर रहे थे, जिनका उद्देश्य भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देना था। ईडी की जांच में नार्को-आतंकवाद के वित्तीय लेन-देन के नेटवर्क का खुलासा हुआ, जिसमें ड्रग तस्करी और आतंकवाद के बीच सांठगांठ पाई गई।
लड्डी राम ने ड्रग्स की बिक्री से प्राप्त धनराशि को अरशद अल्ली के पास बैंकिंग लेनदेन के माध्यम से भेजा। इस मामले में बैंक खातों की लेन-देन प्रोफाइलिंग से करोड़ों रुपये की बड़ी नकद जमा राशि का पता चला, जो कि ड्रग्स की बिक्री के माध्यम से प्राप्त हुई थी। यह धनराशि कई संदिग्ध आपस में जुड़े लेन-देन के जरिए भेजी गई थी, जिससे फंड्स के असली स्रोत और स्वरूप को छिपाने की कोशिश की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय इस मामले की जांच कर रहा है और नई कड़ियों और सबूतों को इकट्ठा करने की प्रक्रिया जारी है।
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