Hindi Newsजम्मू और कश्मीर न्यूज़CM Omar Abdullah faces double setback as government excludes Sheikh Abdullah birthday and 13 July from holiday list 2025

CM उमर अब्दुल्ला को दोहरा झटका, न चुनावी वादों का मान; न दादा को सम्मान: LG की चल गई बड़ी कैंची

वर्ष 1931 में डोगरा महाराजा के सैनिकों की गोलियों से शहीद हुए 23 सैनिकों की याद में 13 जुलाई को बतौर शहीद दिवस जम्मू कश्मीर में सार्वजनिक छुट्टी रहती थी।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, श्रीनगरMon, 30 Dec 2024 02:56 PM
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जम्मू-कश्मीर में सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करारा झटका लगा है। सरकार ने 2025 के लिए 28 राजपत्रित छुट्टियों की जो लिस्ट जारी की है,उसमें उमर अब्दुल्ला के दादा, पार्टी के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती 5 दिसंबर को इससे बाहर कर दिया गया है। इतना ही नहीं 13 जुलाई को 'शहीद दिवस' के रूप में भी राजपत्रित अवकाश नहीं दिया गया है, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में 13 जुलाई को राजपत्रित अवकाश बहाल करने का वादा किया था। पार्टी ने 5 दिसंबर को पार्टी संस्थापक और जम्मू-कश्मीर पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती पर भी छुट्टी बहाल करने की कसम खाई थी।

वर्ष 1931 में डोगरा महाराजा के सैनिकों की गोलियों से शहीद हुए 23 सैनिकों की याद में 13 जुलाई को बतौर शहीद दिवस जम्मू कश्मीर में सार्वजनिक छुट्टी रहती थी, जबकि 5 दिसंबर को नेशनल कांफ्रेन्स के संस्थापक शेख अब्दुल्ला की जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश होता था। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा दोनों छुट्टियों को समाप्त कर दिया गया था।

इन दोनों छुट्टियों को 2020 में उपराज्यपाल प्रशासन ने रद्द कर दी थी। हालांकि, बाद में सरकार ने 23 सितंबर को महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन और 26 अक्टूबर, 1947 को जम्मू-कश्मीर में सैनिकों की लैंडिंग को राजपत्रित अवकाश के रूप में शामिल किया। अब इसे विलय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है। 2025 की अवकाश सूची में इन दोनों छुट्टियों को जगह दी गई है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के आदेश के तहत सामान्य प्रशासन विभाग के आयुक्त सह सचिव एम. राजू ने छुट्टियों की सूची जारी की है।

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बहरहाल, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि उमर अब्दुल्ला कैबिनेट ने 13 जुलाई और 5 दिसंबर को सार्वजनिक छुट्टियों को बहाल करने के लिए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को कोई प्रस्ताव सौंपा था या नहीं। उधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकारी गजट में 13 जुलाई और 5 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश के तौर पर शामिल नहीं किए जाने से नाराज है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने सोशल मीडिया'एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘आज की छुट्टियों की सूची और निर्णय कश्मीर के इतिहास और लोकतांत्रिक संघर्ष के प्रति भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उपेक्षा को दर्शाता है।’’

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस महीने की शुरुआत में संकेत दिया था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद हटाई गई छुट्टियां बहाल की जाएंगी। सादिक ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद थी कि शेर-ए-कश्मीर शेख मोहम्मद अब्दुल्ला और 13 जुलाई के शहीदों जैसे नेताओं की याद में छुट्टियां शामिल की जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं होने से उनका महत्व या हमारी विरासत कम नहीं होगी। ये छुट्टियां एक दिन फिर से शुरू की जाएंगी।’’

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