अब लिथुआनिया पर क्यों मंडरा रहा रूस के हमले का खतरा, क्या है अक्टूबर प्लान; दोनों पड़ोसियों में क्यों खींचतान?
रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्तूबर तक लिथुआनिया अपने नागरिकों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की योजना को पूरा कर लेगा। लिथुआनिया उत्तरी यूरोप में बाल्टिक सागर के किनारे स्थित एक देश है। यह 1990 में USSR से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बना था।
जब से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हुआ है, तब से ही रूस का पड़ोसी देश लिथुआनिया मॉस्को के निशाने पर है। अब खबर है कि रूस अक्तूबर में लिथुआनिया पर बड़े पैमाने पर हमला बोल सकता है क्योंकि लिथुआनिया रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन का साथ दे रहा है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, लिथुआनिया ने रूसी हमलों के भय से अपने नागरिकों को दूसरे देशों में शिफ्ट करने का प्लान बनाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्तूबर तक लिथुआनिया अपने नागरिकों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाने की योजना को पूरा कर लेगा। लिथुआनिया उत्तरी यूरोप में बाल्टिक सागर के किनारे स्थित एक देश है। यह 1990 में USSR से अलग होकर एक स्वतंत्र देश बना था।
उधर रूस, जो फिलहाल यूक्रेन के ताबड़तोड़ हमलों से परेशान है, भी अक्तूबर तक लिथुआनिया पर हमले की योजना को अंजाम दे सकेगा। फिलहाल रूसी रक्षा अधिकारी लिथुआनिया पर हमले की योजना बना रहे हैं। दरअसल, लिथुआनिया और रूस के बीच संबंधों में तल्खी 2022 में तब शुरू हुई, जब यूरोपीय संघ ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए। तब लिथुआनिया ने अपने क्षेत्र से होकर रूसी क्षेत्र कैलिनिनग्राद तक कुछ वस्तुओं के परिवहन को रोकने का फैसला किया। इस फैसले से मॉस्को और पश्चिम के बीच तनाव तो बढ़े ही लिथुआनिया भी रूस की नजरों में चुभने लगा।
अब जब ये बात स्पष्ट हो चुकी है कि रूस के खिलाफ जंग में यूक्रेन को लिथुआनिया और लात्विया जैसे पड़ोसी देश मदद कर रहे हैं, तब क्रेमलिन ने चेतावनी दी है कि वह यूक्रेन की मदद करने वालों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेगा। इसी के बाद से लिथुआनिया को रूसी हमले का भय सता रहा है। रूसी सेना ने हाल के दिनों में जिस तरह से अपने सबसे करीबी और युद्धकालीन सहयोगी बेलारूस में अपनी सैन्य मौजूदगी मजबूत की है, उससे लिथुआनिया और लात्विया पर खतरा और बढ़ गया है। यह बात भी पहले ही सामने आ चुकी है कि एक तरफ बेलारूस में वैगनर सेना की मौजूदगी है तो दूसरी तरफ कई दर्जन रूसी परमाणु हथियार भी तैनात हैं, जिसके निशाने पर लिथुआनिया समेत कई यूरोपीय देश हो सकते हैं।
इस बीच, बेलारूस की सीमा पर स्थित दर्जनों पूर्वी लिथुआनियाई शहरों के निवासियों की तरह, बारवोनिस्केस के निवासी भी हाल के महीनों में अपने गृह नगर से बाहर निकल आए हैं। उन्हें डर है कि यूक्रेन पर युद्ध जारी रहने के कारण उनके देश पर रूस आक्रमण कर सकता है। लिथुआनिया - लगभग 30 लाख की आबादी वाला एक नाटो सदस्य देश है। लिथुआनिया इस बात से भी चिंतित है कि उसकी राजधानी विनियस बेलारूस से सिर्फ 50 किमी दूर है। इसके मद्देनजर लिथुआनियाई अधिकारियों ने सीमा सुरक्षा बढ़ा दी है और सीमा पर बाड़ लगाने में तेजी ला दी है।
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