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आजादी मत दो, बस एक शर्त; ट्रंप-पुतिन की घेराबंदी से दुखी जेलेंस्की ने डाले हथियार

  • ट्रंप और पुतिन की लगातार यूक्रेन पर घेराबंदी से आहत प्रेजिडेंट वलोडोमिर जेलेंस्की ने बयान देकर अपने हथियार डाल दिए हैं। उन्होंने कहा कि वो यूक्रेन राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार हैं, बस एक शर्त है।

Gaurav Kala कीव, एएफपीSun, 23 Feb 2025 11:23 PM
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आजादी मत दो, बस एक शर्त; ट्रंप-पुतिन की घेराबंदी से दुखी जेलेंस्की ने डाले हथियार

यूक्रेन रूस और रूस के बीच जंग को तीन साल पूरे हो गए हैं। जंग के इस मोड़ पर जहां एक तरफ रूस ने 13 यूक्रेनी शहरों पर ताबड़तोड़ ड्रोन हमले किए। एक ही अटैक में 276 ड्रोन और 3 मिसाइल दागे। दूसरी तरफ व्लादिमीर पुतिन ने जेलेंस्की पर कूटनीतिक दबाव बनाना शुरू कर दिया है। वह ट्रंप के साथ यूक्रेन संकट को लेकर कई दौर की वार्ता भी कर चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह रही कि इस वार्ता में यूक्रेन और नाटो दोनों को बाहर रखा गया। ट्रंप और पुतिन की लगातार यूक्रेन पर घेराबंदी से आहत प्रेजिडेंट वलोडोमिर जेलेंस्की ने लगता है कि अपने हथियार डाल दिए हैं! उन्होंने कहा कि वो यूक्रेन राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार हैं, बस एक शर्त है।

जेलेंस्की ने रविवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह "तुरंत" राष्ट्रपति पद छोड़ने के लिए तैयार हैं, अगर इसके बदले उनका देश नाटो सदस्यता प्राप्त कर सके। कीव में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेलेंस्की ने कहा, "अगर यूक्रेन के लिए शांति आती है और अगर आपको सच में मुझे पद छोड़ने की आवश्यकता है, तो मैं इसके लिए तैयार हूं। मैं इसे नाटो सदस्यता के बदले स्वीकार करूंगा।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह "तुरंत" पद छोड़ने के लिए तैयार हैं।

यह बयान यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के संदर्भ में आया है, जहां यूक्रेन नाटो सदस्यता के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। जेलेंस्की का यह बयान उनकी नाटो के प्रति प्रतिबद्धता और यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर उनकी गंभीरता को दर्शाता है।

अलग-थलग पड़े जेलेंस्की

जेलेंस्की का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब पुतिन से वार्ता के बाद ट्रंप ने जेलेंस्की पर जुबानी हमले तेज कर दिए हैं। ट्रंप ने जेलेंस्की को अड़ियल और तानाशाह कहा। पुतिन ने यूक्रेन में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव को शांति के बहुत जरूरी बताया है। ट्रंप भी पुतिन की इस बात समर्थन कर चुके हैं। जंग में यूक्रेन की स्थिति इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि पिछली जो बाइडेन सरकार के समय अमेरिका यूक्रेन को लगातार हथियार और फंड मुहैया करा रहा था, लेकिन ट्रंप सरकार ने जेलेंस्की के खिलाफ अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं, जिससे जेलेंस्की अलग-थलग पड़ गए हैं।

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नाटो की सदस्यता

यूक्रेन की नाटो सदस्यता एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, जिसे पश्चिमी देशों द्वारा भी समर्थन प्राप्त है। हालांकि, रूस ने इस कदम का विरोध किया है और इसे अपनी सुरक्षा के लिए खतरा मानते हुए नाटो के विस्तार को नकारात्मक रूप में देखा है। जेलेंस्की का यह बयान यूक्रेन के भविष्य को लेकर नए सवाल खड़े करता है और साथ ही यह भी स्पष्ट करता है कि यूक्रेन की सरकार देश के सर्वोत्तम हित में किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय के लिए तैयार है।

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