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26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा का आखिरी दांव फेल, US कोर्ट ने खारिज की याचिका; अब भारत में होगा इंसाफ

  • पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादियों को मुंबई हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सहायता प्रदान की थी।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, वाशिंगटनFri, 7 March 2025 08:56 AM
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26/11 के आरोपी तहव्वुर राणा का आखिरी दांव फेल, US कोर्ट ने खारिज की याचिका; अब भारत में होगा इंसाफ

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की आपातकालीन याचिका को खारिज कर दिया है। राणा ने अपनी याचिका में भारत प्रत्यर्पण का विरोध करते हुए दावा किया था कि उसे वहां मुस्लिम और पाकिस्तानी मूल का होने के कारण प्रताड़ित किया जाएगा। इस फैसले के साथ ही अब राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है।

पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा पर आरोप है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के आतंकवादियों को मुंबई हमले की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में सहायता प्रदान की थी। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसमें छह अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। राणा को उसके बचपन के दोस्त और हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक, डेविड कोलमैन हेडली के साथ मिलकर काम करने का दोषी ठहराया गया है। हेडली वर्तमान में अमेरिका में 35 साल की सजा काट रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने “दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक” राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, ताकि वह 26/11 के मुंबई हमले में संलिप्तता को लेकर “भारत में मुकदमे का सामना कर सके।”

इससे पहले तहव्वुर राणा ने अमेरिका के नौंवे सर्किट के एसोसिएट जस्टिस के समक्ष "आपातकालीन स्थगन याचिका" दायर की थी। अपनी याचिका में राणा ने तर्क दिया था कि भारत को उसका प्रत्यर्पण अमेरिकी कानूनों और संयुक्त राष्ट्र के अत्याचार विरोधी समझौते का उल्लंघन होगा, क्योंकि "ऐसा मानने के पर्याप्त कारण हैं कि भारत में प्रत्यर्पित किए जाने पर याचिकाकर्ता को यातना दी जा सकती है।"

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राणा ने कहा है कि 13 फरवरी को उसकी ओर से दायर याचिका के गुण-दोष पर लंबित मुकदमे के निस्तारण तक उसके भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाई जानी चाहिए। अर्जी में कहा गया, “इस मामले में यातना दिए जाने की आशंका और भी अधिक है तथा याचिकाकर्ता गंभीर खतरे का सामना कर रहा है, क्योंकि वह पाकिस्तानी मूल का मुसलमान है और उस पर मुंबई हमले में शामिल होने का आरोप है।” अर्जी में यह भी कहा गया है कि याचिकाकर्ता की “गंभीर स्वास्थ्य स्थिति” को देखते हुए उसे भारतीय हिरासत केंद्रों में प्रत्यर्पित किया जाना, इस मामले में उसे “वास्तव में” मौत की सजा दिए जाने के समान होगा।

अर्जी में जुलाई 2024 के चिकित्सा रिकॉर्ड का हवाला दिया गया था, जो दर्शाते हैं कि वह कई “गंभीर और जानलेवा बीमारियों एवं स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहा है”, जिनमें हृदयरोग, पार्किंसन रोग, मूत्राशय के कैंसर का संकेत देने वाला बढ़ा हुआ मांस, किडनी रोग और अस्थमा शामिल हैं तथा वह कई बार कोविड-19 संक्रमण की चपेट में भी आ चुका है।

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