ट्रंप ने पाकिस्तान, चीन और UAE समेत कई देशों को दिया झटका, 70 कंपनियों पर बैन; क्या वजह
- अमेरिका ने चीन, पाकिस्तान, यूएई और ईरान समेत कई देशों को जोर का झटका दिया है। इन देशों की 70 कंपनियों पर बैन लगाया गया है। इसके पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा वजह बताई जा रही है।

अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने पाकिस्तान और चीन को एक बार फिर जोर का झटका दिया है। अमेरिका की वाणिज्य विभाग ने चीन, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और अन्य देशों की 70 से अधिक कंपनियों को अपने व्यापार प्रतिबंध सूची में शामिल किया है। अमेरिका ने इसके पीछे की वजह राष्ट्रीय सुरक्षा बताई है। इससे पहले अप्रैल 2024 में भी अमेरिका ने पाक और चीनी कंपनियों पर बैन लगाया था। अमेरिका के मौजूदा ऐक्शन का उद्देश्य उन कंपनियों को टारगेट करना है जो अमेरिका के प्रतिस्पर्धियों जैसे चीन, रूस और ईरान के हथियार कार्यक्रमों को सहायता प्रदान कर रही हैं।
प्रतिबंध लगाए जाने वाली कंपनियों में छह चीनी कंपनियां शामिल हैं जो चीन और ईरान की सैन्य क्षमताओं और मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) कार्यक्रमों में सहायता कर रही थीं। इसके अलावा, यूएई और मिस्र की चार कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जो अमेरिकी निर्मित पुर्जों का अधिग्रहण करके रूस पर लगे प्रतिबंधों को दरकिनार कर रही थीं।
पाक की इन कंपनियों पर बैन
अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में आने वाली पाकिस्तानी कंपनियों में एलाइड बिजनेस कंसर्न प्राइवेट लिमिटेड, एरिस्टन ट्रेड लिंक्स, ब्रेटलाइट इंजीनियरिंग कंपनी, ग्लोबल ट्रेडर्स, इंडेंटेक इंटरनेशनल, इंट्रालिंक इंक, लिंकर्स ऑटोमेश प्राइवेट लिमिटेड और एनए एंटरप्राइजेज शामिल हैं।
क्या वजह
प्रतिबंधित सूची में शामिल होने का अर्थ है कि इन कंपनियों के साथ अमेरिकी व्यवसायों का व्यापार करना कठिन हो जाएगा, जिससे सैन्य तकनीक से संबंधित वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर प्रभाव पड़ेगा। इससे पहले, दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां हुआवेई और जेडटीई पहले से ही इस सूची में शामिल हैं। वाणिज्य विभाग के अनुसार, यह कार्रवाई अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और उन संस्थाओं को जवाबदेह ठहराने के प्रयास का हिस्सा है जो अमेरिकी हितों के खिलाफ कार्य कर रही हैं।
पाक-चीन पर पहले भी ऐक्शन
ध्यान देने वाली बात यह है कि यह पहली बार नहीं है कि अमेरिका ने पाकिस्तान सहित अन्य देशों की कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं और उन्हें 'राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा' घोषित किया है। अप्रैल 2024 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम को विकसित करने और समर्थन देने के आरोप में तीन चीनी और एक बेलारूसी कंपनियों पर प्रतिबंधों की भी घोषणा की।
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