ग्लोबल आर्म्स मार्केट का नया बादशाह बना अमेरिका, यूक्रेन नंबर 1 खरीदार; रूस पिछड़ा
- नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ग्लोबल आर्म्स मार्केट में अमेरिका सप्लायर के तौर पर बादशाह बनकर उभरा है। वहीं, 35 देशों से हथियार आयतित करने वाला यूक्रेन सबसे बड़ा खरीदार है। रूस इस मामले में काफी पिछड़ गया है।

यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच वैश्विक हथियारों के बाजार में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, बीते चार सालों (2020-2024) में यूक्रेन दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक बन गया है, जबकि अमेरिका हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक बना हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि जहां अमेरिका और यूरोप हथियारों की सप्लाई बढ़ा रहे हैं, वहीं रूस की हथियारों की बिक्री 63% गिर चुकी है।
यूक्रेन 35 देशों से खरीद रहा हथियार
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 2020 से 2024 की अवधि में यूक्रेन भारी हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा है। युद्धग्रस्त देश ने 2015-2019 की तुलना में अपने आयात को लगभग सौ गुना बढ़ा लिया है। यूक्रेन ने 2020 और 2024 के बीच 35 देशों से हथियार आयात किए हैं। इस दौरान वैश्विक हथियारों के कुल आयात में यूक्रेन की हिस्सेदारी 8.8% रही। अमेरिका ने कुल हथियार आपूर्ति का 45% योगदान दिया, इसके बाद जर्मनी 12% और पोलैंड 11% के साथ प्रमुख आपूर्तिकर्ता रहे।
9 फीसदी हथियार सिर्फ यूक्रेन को मिले
वैश्विक हथियारों के निर्यात का लगभग 9% हिस्सा अकेले यूक्रेन को मिला। रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन द्वारा हथियारों के इस बड़े स्तर पर आयात का मुख्य कारण रूस के साथ चल रहा युद्ध है। इसी अवधि में अन्य यूरोपीय देशों के हथियार आयात में भी 155% की वृद्धि हुई, जिसे फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रत्यक्ष प्रभाव माना जा रहा है।
हथियार सप्लाई किंग बना अमेरिका
स्टॉकहोम स्थित SIPRI के शोधकर्ताओं के अनुसार, इसका एक और कारण अमेरिका की भविष्य की विदेश नीति को लेकर अनिश्चितता भी है। इस बीच, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अमेरिका वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा हथियार निर्यातक बना हुआ है और 2020 से 2024 के बीच उसने कुल 107 देशों को हथियार बेचे हैं। SIPRI संपादक मैथ्यू जॉर्ज ने रिपोर्ट में कहा, "अमेरिका हथियार निर्यात के मामले में एक अनूठी स्थिति में है। वैश्विक हथियार निर्यात में इसकी 43% हिस्सेदारी है, जो दूसरे सबसे बड़े निर्यातक फ्रांस की तुलना में चार गुना अधिक है।"
पिछड़ा रूस
दूसरी ओर, रूस ने 2015 से 2024 के बीच 63% कम हथियारों का निर्यात किया। 2021 और 2022 में इसका कुल निर्यात पिछले दो दशकों में सबसे कम रहा। इसकी मुख्य वजह यह है कि रूस ने युद्ध की तैयारी के लिए खुद को हथियारों से लैस करना शुरू कर दिया, जिससे अन्य देशों को आपूर्ति में गिरावट आई। रिपोर्ट में कहा गया, "यूक्रेन के खिलाफ युद्ध ने रूस के हथियार निर्यात में और भी गिरावट ला दी है, क्योंकि युद्ध के मैदान पर अधिक हथियारों की जरूरत है, व्यापार प्रतिबंधों ने रूस के लिए हथियारों का उत्पादन और बिक्री कठिन बना दिया है, और अमेरिका व उसके सहयोगी देशों ने अन्य राष्ट्रों पर रूसी हथियार न खरीदने का दबाव डाला है।"
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