मोलभाव के लिए जो रूसी इलाके जीते, वहां भी हार रहा यूक्रेन; कैसे मिली पुतिन को जीत
- रूसी सेना ने एक बयान में कहा कि कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन की हार की घोषणा कभी भी की जा सकती है। इन इलाकों पर लगातार मिल रही हार यूक्रेन के लिए इसलिए भी झटका है, क्योंकि उसने इन इलाकों को भविष्य में रूस से मोलभाव के लिए जीते थे।

अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन की सेना अब युद्ध के मोर्चे पर कमजोर पड़नी शुरू हो गई है। कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त कदम उठाते हुए यूक्रेन से सभी सैन्य मदद वापस ले ली थी। रविवार को रूस ने न सिर्फ एक यूक्रेनी शहर पर अपना कब्जा कर लिया, बल्कि अपने कुर्स्क क्षेत्र का एक हिस्सा भी यूक्रेनी सेना से वापस ले लिया है। रूसी सेना ने एक बयान में कहा कि कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेन की हार की घोषणा कभी भी की जा सकती है। साफ है कि पुतिन की सेना की रणनीति कुर्स्क में कामयाब हो रही है। इन इलाकों पर लगातार मिल रही हार यूक्रेन के लिए इसलिए भी झटका है, क्योंकि उसने इन इलाकों को भविष्य में रूस से मोलभाव के लिए जीते थे।
शुरुआत से बात करें तो पिछले साल अगस्त में यूक्रेन ने कुर्स्क में सीमा के भीतर घुसकर हमला किया था जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से रूसी क्षेत्र पर सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। कुछ ही दिन में, यूक्रेनी इकाइयों ने 1,000 वर्ग किलोमीटर (386 वर्ग मील) क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था जिसमें रणनीतिक सीमावर्ती शहर सुदजा भी शामिल था।
कैसे पुतिन आर्मी को मिली बढ़त
यूक्रेन की सेना और रूस के युद्ध ब्लॉगर्स ने दावा किया है कि रूसी विशेष बल कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी इकाइयों पर पीछे से हमला करने के लिए एक गैस पाइपलाइन के अंदर कई किलोमीटर पैदल चल कर गए। मॉस्को अपने सीमावर्ती प्रांत के कुछ हिस्सों को फिर से अपने कब्जे में लेने की कोशिश कर रहा है, जिस पर कीव ने एक हमले में कब्जा कर लिया था।
मोलभाव के लिए यूक्रेन ने जीते थे ये इलाके
कीव के अनुसार, रूसी क्षेत्र कुर्स्क में उसके अभियान का उद्देश्य भविष्य की शांति वार्ता में मोलभाव करना और रूस को पूर्वी यूक्रेन में अपने आक्रामक अभियान से सैनिकों को हटाने के लिए मजबूर करना था। लेकिन यूक्रेन के धमाकेदार अभियान के महीनों बाद, कुर्स्क में उसके सैनिक 50000 से अधिक सैनिकों के लगातार हमलों से थके हुए हैं। हमला करने वालों में रूस के सहयोगी उत्तर कोरिया के कुछ सैनिक भी शामिल थे। युद्ध क्षेत्र के मानचित्रों से पता चलता है कि हजारों यूक्रेनी सैनिकों को घेर लिए जाने का जोखिम है।
गैस पाइपलाइन से यूक्रेनियों को छकाया
यूक्रेन में जन्मे, क्रेमलिन समर्थक एक ब्लॉगर द्वारा डाली गई टेलीग्राम पोस्ट के अनुसार, रूस के बल पाइपलाइन के अंदर लगभग 15 किलोमीटर (9 मील) तक चले, जिसका उपयोग मॉस्को हाल के दिनों तक यूरोप को गैस भेजने के लिए करता था। ब्लॉगर यूरी पोडोल्याका ने दावा किया कि कुछ रूसी सैनिकों ने सुदज़ा शहर के पास पीछे से यूक्रेनी इकाइयों पर हमला करने से पहले कई दिन पाइप में बिताए थे।
यूक्रेन पर फरवरी 2022 के रूसी आक्रमण से पहले शहर में लगभग 5,000 निवासी थे और यहां पाइपलाइन के साथ प्रमुख गैस स्थानांतरण और मापन स्टेशन हैं। यह कभी यूक्रेनी क्षेत्र के माध्यम से रूसी प्राकृतिक गैस निर्यात के लिए एक प्रमुख केंद्र था। एक अन्य युद्ध ब्लॉगर ने कहा कि सुदजा के लिए भीषण लड़ाई चल रही है और रूसी सेना गैस पाइपलाइन के माध्यम से शहर में प्रवेश करने में सफल रही।
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