अब रूस और UK में क्यों ठनी? मॉस्को ने ब्रिटिश राजनयिक को सुनाया देश छोड़ने का फरमान
एफएसबी ने पिछले साल सात ब्रिटिश राजनयिकों पर जासूसी का आरोप लगाया था। सितंबर में छह के निष्कासन की घोषणा की गई थी और नवंबर में एक और निष्कासन की घोषणा की गई थी।

पिछले तीन साल से यूक्रेन संग युद्ध लड़ रहे रूस ने अब ब्रिटेन से पंगा ले लिया है। रूस ने जासूसी का आरोप लगाते हुए एक ब्रिटिश राजनयिक और उसके जीवनसाथी को निष्कासित कर दिया है और दो सप्ताह के अंदर मॉस्को छोड़ने का फरमान सुनाया है। इन दोनों पर मॉस्को में ब्रिटिश दूतावास की आड़ में खुफिया गतिविधियों में शामिल होने और जासूसी करने के आरोप लगाए गए हैं। रूसी समाचार एजेंसी TASS ने देश की FSB सुरक्षा एजेंसी का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें दो सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है।
TASS के मुताबिक रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) ने एक बयान में कहा है, "संघीय सुरक्षा सेवा के काउंटर-इंटेलिजेंस ऑपरेशन ने मॉस्को में देश के दूतावास की आड़ में यूनाइटेड किंगडम (UK) की अघोषित खुफिया मौजूदगी का भंडाफोड़ किया है।" बता दें कि मॉस्को की यह कार्रवाई टिट फॉर टैट की नीति में नवीनतम है। पिछले कुछ हफ्तों से मॉस्को और लंदन इस तरह से राजनयिकों के निष्कासन में शामिल रहे हैं।
FSB ने सरकारी समाचार एजेंसी ‘आरआईए नोवोस्ती’ के हवाले से एक बयान में कहा कि दोनों राजनयिकों ने देश में प्रवेश की अनुमति मांगते समय गलत व्यक्तिगत जानकारी प्रदान की थी और कथित तौर पर खुफिया गतिविधियों में शामिल थे, जिससे रूस की सुरक्षा को खतरा उत्पन हुआ। उसने कोई सबूत पेश नहीं किया।
ब्रिटेन ने नहीं दी है कोई प्रतिक्रिया
‘आरआईए नोवोस्ती’ की खबर के अनुसार, राजनयिकों की मान्यता रद्द करने का निर्णय लिया गया है और उन्हें दो सप्ताह के भीतर रूस छोड़ने का आदेश दिया गया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने एक अलग बयान में कहा कि उसने ब्रिटिश दूतावास के एक अधिकारी को तलब किया है। इसमें कहा गया है, ‘‘मास्को रूसी क्षेत्र में अघोषित ब्रिटिश खुफिया अधिकारियों की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करेगा।’’ब्रिटेन के अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी।
पिछले साल 7 ब्रिटिश नागरिकों पर लगे थे आरोप
एफएसबी ने पिछले साल सात ब्रिटिश राजनयिकों पर जासूसी का आरोप लगाया था। सितंबर में छह के निष्कासन की घोषणा की गई थी और फिर नवंबर में एक औरके निष्कासन की घोषणा की गई थी। उस समय ब्रिटेन ने इन कदमों को "निराधार" बताया था। दूसरी तरफ फरवरी में लंदन ने भी एक रूसी राजनयिक को इसी तरह देश निकाला सुना दिया था। यह कदम विदेश कार्यालय द्वारा पिछले साल नवंबर में जासूसी के संदेह में रूस से एक ब्रिटिश राजनयिक को निष्कासित करने के जवाब में उठाया गया था।
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