हम क्या चाहते आजादी... क्यों चीन में बीजिंग से शंघाई तक गूंज रहे शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ नारे
चीन में आंदोलन करने वाले लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के मामूली केसों पर भी सख्त पाबंदियां लगाई जा रही हैं। पीसीआर टेस्ट हो रहे हैं। इसके अलावा ट्रैवल पर भी पाबंदियां लग रही हैं।
चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते केसों की वजह से सरकार ने पाबंदियां फिर से सख्त कर दी हैं। लेकिन इस बार चीन में लोग इन प्रतिबंधों को मानने के लिए तैयार नहीं हैं। बीजिंग, शंघाई जैसे बड़े शहरों में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। 'जिनपिंग गद्दी छोड़ो' के नारे लगाती भीड़ ज्यादातर शहरों में देखी जा रही है। इन लोगों का कहना है कि शी जिनपिंग सरकार की ओर से अप्रत्याशित प्रतिबंध लगाए गए हैं और ऐसा करना ठीक नहीं है। आंदोलन करने वाले लोगों का कहना है कि कोरोना वायरस के मामूली केसों पर भी सख्त पाबंदियां लगाई जा रही हैं। पीसीआर टेस्ट हो रहे हैं। इसके अलावा ट्रैवल पर भी पाबंदियां लग रही हैं।
चीन ने 2020 से ही जीरो कोविड पॉलिसी अपना रखी है, जबकि दुनिया के ज्यादातर देशों ने लॉकडाउन जैसी पाबंदियां खत्म कर दी हैं। भारत में तो मास्क पहनने जैसी पाबंदियां भी अब काफी कमजोर हो गई हैं। उइगुर प्रांत में भी जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं। माना जा रहा है कि इस आंदोलन की वजह सख्त कोवि़ पॉलिसी ही है, जिसकी बंदिशों से लोग तंग आए दिखते हैं। शिनजियांग प्रांत में 24 नवंबर को एक इमारत में आग लग गई थी, जिसमें 10 लोग मारे गए थे। इसके बाद से यहां लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कों पर उतरकर लॉकडाउन खत्म करने की मांग हो रही है। शिनजियांग के उरुमकी में बहुत से लोग बीते 100 दिनों से घरों में बंद हैं।
गुस्साए लोगों का कहना है कि इमरात में आग लगने से ज्यादा की मौत इसलिए हुई क्योंकि कोरोना पाबंदियों के चलते लोगों को बचाने का अभियान तेजी से नहीं चलाया जा सका। बता दें कि शिनजियांग वह प्रांत है, जहां उइगुर मुस्लिमों की अच्छी खासी तादाद है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठन चीन पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह यहां पर रहने वाले उइगुरों का उत्पीड़न करता रहा है। ऐसे में शिनजियांग प्रांत में प्रदर्शन होना चिंताजनक है। अब तक सामने आए वीडियोज में दिखा है कि चीन के बहुसंख्यक हान समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि बाद में वीडियोज को डिलीट कर दिया गया।
शंघाई में भी तेज हुआ आंदोलन, आजादी की मांग
चीन में समस्या इस सप्ताह के अंत में बढ़ी है, जब आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले शंघाई में आंदोलन तेज हो गए हैं। इसके अलावा बीजिंग की भी प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज में आंदोलन शुरू हो चुके हैं। शंघाई से जो वीडियो सामने आए हैं, उसमें लोग कहते दिख रहे हैं कि हमें हेल्थ कोड नहीं चाहिए। हम आजादी चाहते हैं। यही नहीं बड़ी संख्या में लोगों ने आग लगने की घटना के विरोध में कैंडल लाइट मार्च भी किए हैं। इसके अलावा सेंसरशिप का विरोध करते हुए लोग खाली पन्ने लहरा रहे हैं। खाली पन्नों को सेंसरशिप के विरोध के प्रतीक के तौर पर देखा जा रहा है। ये लोग मांग कर रहे हैं कि पूरे चीन में प्रतिबंध हटा देने चाहिए। हालांकि चीन के सामने मुश्किल यह है कि हर दिन 40 हजार केस सामने आ रहे हैं।
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