रूस और यूक्रेन ने रिहा किए एक-दूसरे के युद्ध बंदी, इतने सैनिकों की वतन वापसी; इस देश को कहा शुक्रिया
- रूस और यूक्रेन ने युद्ध के दौरान बंधी बनाए गए एक-दूसरे के 230 सैनिकों को रिहा कर दिया है। दोनों ही देशों ने इसके लिए मध्यस्तथा करने वाले देश संयुक्त अरब अमीरात को धन्यवाद किया है। यूक्रेन की हमलावर कार्रवाई के बाद पहली बार सैनिकों का आदान-प्रदान हुआ है।
लगातार भयंकर होते यूक्रेन-रूस यु्द्ध के बीच शनिवार को दोनों देशों बंधी बनाए गए एक-दूसरे के 230 सैनिकों को रिहा कर दिया है। दोनों ही तरफ से 115-115 सैनिकों को रिहा किया गया है। संयुक्त अरब अमीरात की मध्यस्थता में हो रहे इस आदान-प्रदान की जानकारी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए दी। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने घर वापस आए सैनिकों की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि हमारे 115 जवान वापस अपने घर आ गए हैं। हमारे यह सैनिक हमारे रक्षक हैं। हमें हमारा हर एक सैनिक याद है और हम सभी को वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। सैनिकों की इस घर वापसी में मदद करने के लिए में यूएई को धन्यवाद देता हूं।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने सैनिकों की इस अदला-बदली पर कहा कि बातचीत के जरिए हमारे 115 रूसी जवान आज यूक्रेनी कैद से आजाद हो गए हैं,आजाद हुए हमारे सैनिक फिलहाल बेलारूस में रुके हुए हैं जहां पर उनका इलाज किया जा रहा है। जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी तो वह अपने वतन वापस आ जाएंगे।
युद्ध शुरू होने के बाद सातवीं बार हुआ सैनिकों का आदान-प्रदान
युद्ध शुरू होने के बाद से रूस और यूक्रेन के बीच यह सातवीं बार सैनिकों का लेन-देन हुआ है। दोनों ही देशों ने इसके लिए यूएई को धन्यवाद दिया है। यूएई ने इस पर बयान जारी करते हुए कहा था कि हमनें यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध बंधियों का सफल आदान प्रदान करवाया है। यह यूक्रेन के युद्ध में हमलावर रुख अपनाने के बाद में पहला आदान-प्रदान था। दोनों ही देशों ने इस पर शांति पूर्वक अमल किया है।
इससे पहले, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के दौरे पर पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। पीएम मोदी ने यूक्रेन को चार भीष्म कैंप भी दिए जो कि एक पोर्टेबल अस्पताल का काम कर सकते हैं। पीएम मोदी ने यूक्रेन में जाकर कहा कि भारत हमेशा शांति के पक्ष में रहा है और हमारा मानना है कि युद्ध से किसी भी मुद्दे का हल नहीं निकल सकता। हमें शांति के लिए बातचीत की टेबल पर आना ही होगा।
जेलेंस्की ने भारत द्वारा रूसी तेल खरीदे जाने को लेकर कहा कि भारत और अन्य देश मिलकर अगर रूसी तेल खरीदना बंद कर दे तो रूस आसानी से कमजोर होकर बातचीत की टेबल पर आ जाएगा और यह युद्ध रुक जाएगा। पुतिन पीएम मोदी का सम्मान नहीं करते। क्योंकि जब पीएम मोदी मॉस्कों की यात्रा पर गए थे तो उसी समय रूसी सेना ने यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर हमला कर बच्चों को मार दिया था। पीएम मोदी ने इस दौरान जेलेंस्की को भारत आने का न्यौता भी दिया।
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