Hindi Newsविदेश न्यूज़on first day of 2025 Ukraine gave big jolt to Russia refuses to renew gas supply transit deal to Europe big loss

हम तो डूबे, तुम्हें भी ले डूबेंगे: यूक्रेन ने रूस के 50 वर्षों का वर्चस्व किया खत्म; सालाना 5 अरब डॉलर का चूना

रूसी गैस कंपनी गैजप्रोम ने कहा है कि यूक्रेन द्वारा गैस ट्रांजिट से जुड़े समझौते को आगे बढ़ाने से इनकार करने के बाद उसकी गैस सप्लाई पहली जनवरी की सुबह 5 बजे से बाधित हो चुकी है।

Pramod Praveen रॉयटर्स, मॉस्कोWed, 1 Jan 2025 06:49 PM
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नए साल 2025 के पहले दिन यूक्रेन ने रूस को करारा झटका देते हुए उसके 50 से ज्यादा वर्षों में स्थापित ऊर्जा साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया है। पिछले करीब तीन साल से रूस से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन ने सोवियत युग की गैस पाइपलाइनों के ट्रांजिट समझौते को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। इसकी वजह से यूरोप के कई देशों में रूसी गैस की सप्लाई बाधित हो गई है। इसका साथ ही यूरोपीय बाजार पर रूसी गैस का वर्चस्व और साम्राज्य खत्म हो गया है। यूक्रेन के इस कदम से जहां उसे 800 मिलियन डॉलर का नुकासन हुआ है, वहीं रूस को सालाना 5 अरब डॉलर का भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद पिछले करीब तीन साल से इस पाइपलाइन के जरिए यूरोप को रूसी गैस की सप्लाई जारी थी। रूसी गैस कंपनी गैजप्रोम ने कहा है कि यूक्रेन द्वारा गैस ट्रांजिट से जुड़े समझौते को आगे बढ़ाने से इनकार करने के बाद उसकी गैस सप्लाई पहली जनवरी की सुबह 5 बजे से बाधित हो चुकी है। गैस आपूर्ति बाधित होने की वजह से तड़के सुबह यूक्रेन के पड़ोसी देश मोल्दोवा से अलग होकर रूस समर्थक क्षेत्र ट्रांसनिस्ट्रिया पर इसका व्यापक असर देखने को मिला। सुबह-सुबह लोगों के घरों में हीटिंग सिस्टम और गर्म पानी की सप्लाई अवरुद्ध हो गई। इससे भारी ठंड में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

हालांकि, इस बाधा से यूरोप के अन्य देशों को कोई खास परेशानी नहीं हुई क्योंकि अधिकांश यूरोपीय देशों ने पहले ही वैकल्पिक व्यवस्था कर ली थी। स्लोवाकिया, आस्ट्रिया और हंगरी जैसे देशों को तुर्कस्ट्रीम पाइुलाइन के जरिए गैस मिलती रहेगी जो काला सागर के नीचे से गुजरती है। यूरोपीय आयोग ने कहा है कि उसके सदस्य देशों ने पहले ही इसकी तैयारी कर ली थी। बता दें कि इससे पहले 2022 में जंग छिड़ने से पहले रूस और यूक्रेन ने ट्रांजिट एग्रीमेंट पर तीन साल के लिए दस्तखत किए थे। युद्ध छिड़ने के बाद रूस ने गैस की कीमतें भी बढ़ा दी थीं, जिससे यूरोपीय देशों को आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ा था। बाद में यूरापीय संघ ने रूसा गैस के विकल्प की तलाश कर ली थी।

यूक्रेन-रूस युद्ध की शुरुआत के बाद से, यूरोपीय संघ ने नॉर्वे से पाइप्ड गैस और कतर और संयुक्त राज्य अमेरिका से एलएनजी खरीदकर रूसी ऊर्जा पर अपनी निर्भरता कम कर दी थी। यूक्रेन, जिसने ट्रांजिट समझौते को आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया, ने कहा है कि यूरोप ने पहले ही रूसी गैस को छोड़ने का फैसला कर लिया था। यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री जर्मन गैलुशेंको ने एक बयान में कहा, “हमने रूसी गैस की सप्लाई को रोक दिया है। यह एक ऐतिहासिक घटना है। रूस अपने बाजार खो रहा है, उसे वित्तीय नुकसान उठाना पड़ेगा।”

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यूक्रेन को अब रूस से ट्रांजिट फी के रूप में प्रति वर्ष लगभग 800 मिलियन डॉलर का नुकसान होगा, जबकि गज़प्रोम को गैस की बिक्री नहीं होने से लगभग 5 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा। रूस और पूर्व सोवियत संघ ने यूरोपीय देशों में गैस बाजार का एक बड़ा हिस्सा बनाने में आधी सदी से ज्यादा का समय बिताया था। पूरे यूरोप का करीब 35% गैस की सप्लाई अकेले रूस करता था, लेकिन युद्ध ने गज़प्रोम के इस ऊर्जा साम्राज्य को नष्ट कर दिया है। रूस ने 2023 में यूक्रेन के माध्यम से लगभग 15 बीसीएम गैस भेजी थी, जो 2020 में अंतिम पांच वर्षीय अनुबंध शुरू होने पर 65 बीसीएम से कम है।

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