रूस-यूक्रेन युद्ध रुकवाने में जुटे हैं मोदी और ट्रंप; सीजफायर के लिए पुतिन ने जताया आभार
- आपको बता दें कि रूसी राष्ट्रपति का यह बयान ट्रंप द्वारा दिए गए बयान के एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब रूस के ऊपर निर्भर है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा का धन्यवाद किया, जिन्होंने वर्षों से चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास किए हैं। यूक्रेन द्वारा जताई गई सीजफायर पर बातचीत की इच्छा पर अपनी पहली सार्वजनिक प्रतिक्रिया में पुतिन ने कहा कि वह संघर्ष विराम के प्रस्ताव से सहमत हैं, लेकिन यह विराम दीर्घकालिक शांति की ओर ले जाना चाहिए और संकट के मूल कारणों को समाप्त करना चाहिए।
पुतिन ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम सभी के पास अपने घरेलू मामलों को हल करने के लिए पर्याप्त काम है। लेकिन कई देशों के नेता जिनमें चीन के राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति शामिल हैं, इस मुद्दे को संबोधित कर रहे हैं और इसका हल निकालने के लिए समय दे रहे हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "हम सभी का आभार व्यक्त करते हैं क्योंकि यह प्रयास एक महान मिशन की ओर है। वह मिशन जो युद्धविराम और जीवन की हानि को समाप्त करने का है।"
पुतिन ने यह भी कहा कि रूस अमेरिका द्वारा प्रस्तावित संघर्ष विराम से सहमत है, लेकिन कुछ मुद्दे अभी भी हल होने बाकी हैं। उन्होंने कहा, "हम संघर्ष विराम के प्रस्ताव से सहमत हैं, लेकिन हम इस बात से सहमत हैं कि यह संघर्ष विराम दीर्घकालिक शांति की ओर ले जाना चाहिए और इस संकट के मूल कारणों को दूर करना चाहिए।"
आपको बता दें कि रूसी राष्ट्रपति का यह बयान ट्रंप द्वारा दिए गए बयान के एक दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब रूस के ऊपर निर्भर है। उनका प्रशासन मॉस्को पर संघर्ष विराम पर सहमति बनाने के लिए दबाव डाल रहा है। यूएस और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच शांति वार्ता के परिणामस्वरूप कीव ने पूरी फ्रंटलाइन पर 30 दिन का अमेरिकी समर्थन प्राप्त संघर्ष विराम स्वीकार किया था।
पुतिन ने भारत का नाम उन तीन देशों में लिया था, जिनसे वह लगातार यूक्रेन संघर्ष के बारे में संपर्क में हैं और कहा था कि वे इसे सुलझाने के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी ने रूस में 22वें भारत-रूस द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन में भाग लिया था और अगस्त में यूक्रेन का भी दौरा किया था। यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया था और कहा था कि यह संवाद और कूटनीति के माध्यम से ही संभव है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के प्रयासों का भी स्वागत किया और भारत के दृष्टिकोण को दोहराया कि इस संघर्ष को केवल वार्ता के जरिए ही सुलझाया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने व्हाइट हाउस में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "मैं हमेशा रूस और यूक्रेन दोनों देशों के नेताओं के साथ संपर्क में रहा हूं। कई लोग यह भ्रांति रखते हैं कि भारत तटस्थ है, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं है। हम एक पक्ष पर हैं। और वह पक्ष है शांति।"
उन्होंने यह भी कहा, "भारत का मानना है कि युद्ध का समाधान युद्ध भूमि पर नहीं पाया जा सकता और अंततः हमें वार्ता की मेज पर होना होगा।" उन्होंने ट्रंप के प्रयासों का समर्थन करते हुए कहा, "मैं आशा करता हूं कि वह जल्द ही सफल होंगे।"
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