Hindi Newsविदेश न्यूज़Indian students are losing small jobs due to fear of Donald Trump administration

डोनाल्ड ट्रंप के डर से छोटी-मोटी नौकरियां गंवा रहे भारतीय, उधार लेकर काटने पड़ रहे दिन

  • F-1 वीजा वाले छात्र एक सप्ताह में ऑन कैम्पस 20 घंटे काम कर सकते हैं। वहीं, कई छात्र अकसर रेस्त्रां, गैस स्टेशन या स्टोर्स पर बगैर दस्तावेजों के काम करने लगते हैं, ताकि घर का किराया, भोजन जैसे खर्च निकाल सकें।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानFri, 24 Jan 2025 09:13 AM
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डोनाल्ड ट्रंप के डर से छोटी-मोटी नौकरियां गंवा रहे भारतीय, उधार लेकर काटने पड़ रहे दिन

अमेरिका में छोटी-मोटी कामों के सहारे अपने खर्च निकाल रहे भारतीय छात्रों के सामने अब आर्थिक चुनौतियां खड़ी होती नजर आ रही हैं। खबर है कि नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले ने छात्रों के मन में डिपोर्ट होने या देश से बाहर किए जाने का डर बढ़ा दिया है। इससे खासतौर से ऐसे छात्र परेशान नजर आ रहे हैं, जिन्होंने शिक्षा के लिए भारी कर्ज लिया है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कॉलेज के समय के बाद छोटी नौकरी करने वाले छात्र डिपोर्ट होने के डर से काम छोड़ रहे हैं। अखबार से बातचीत में वह बताते हैं कि ऐसी नौकरियां अमेरिका में उनके खर्च चलाने के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन वह अपने भविष्य के साथ कोई जोखिम नहीं ले सकते हैं। ट्रंप ने सोमवार को ही अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है।

अमेरिका के नियमों के अनुसार, F-1 वीजा वाले छात्र एक सप्ताह में ऑन कैम्पस 20 घंटे काम कर सकते हैं। वहीं, कई छात्र अकसर रेस्त्रां, गैस स्टेशन या स्टोर्स पर बगैर दस्तावेजों के काम करने लगते हैं, ताकि घर का किराया, भोजन जैसे खर्च निकाल सकें। अब ट्रंप ने अप्रवासी नीतियों को और सख्त करने के संकेत दिए हैं। ऐसे में कड़े नियमों के चलते छात्र नौकरियां छोड़ रहे हैं।

अखबार से बातचीत में एक छात्र ने कहा, 'मैं कॉलेज के बाद एक छोटे कैफे में काम करता था, ताकि महीने का खर्च निकल जाए। मैं 7 डॉलर प्रति घंटे कमाता था और हर रोज 6 घंटे काम करता था।' उन्होंने कहा, 'अच्छा चल रहा था, लेकिन जब मैंने सुना कि अधिकारी अनधिकृत कामों पर लगाम लगा सकते हैं, तो मैंने काम छोड़ दिया। मैं खासतौर से तब कोई जोखिम नहीं उठा सकता, जब मैंने यहां पढ़ने के लिए 50 हजार डॉलर की रकम लोन ली है।'

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छात्रों का कहना है कि वे हालात को कुछ समय बाद समझेंगे और फैसला करेंगे कि काम पर वापस लौटना है या नहीं। खबर है कि तब तक वह सेविंग्स या दोस्तों से उधार या भारत में परिवार से पैसे लेकर काम चलाएंगे। एक छात्र ने अखबार को बताया, 'यह लंबे समय का समाधान नहीं है। मैं पहले ही अपनी अधिकांश सेविंग्स का इस्तेमाल कर चुका हूं और रूममेट से थोड़ा थोड़ा उधार लेना शुरू कर दिया है। मुझे नहीं पता कि ऐसा कब तक चल पाएगा।'

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