Hindi Newsविदेश न्यूज़Pregnant women are worried about Donald Trump decision, they are rushing to the hospital

डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से घबराईं प्रेग्नेंट महिलाएं, महीनों पहले डिलीवरी के लिए भाग रहीं अस्पताल

  • नियम के तहत यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ है तो जन्म के आधार पर उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी, भले ही उनके माता-पिता किसी और देश के हों।

Nisarg Dixit लाइव हिन्दुस्तानThu, 23 Jan 2025 12:50 PM
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डोनाल्ड ट्रंप के फैसले से घबराईं प्रेग्नेंट महिलाएं, महीनों पहले डिलीवरी के लिए भाग रहीं अस्पताल

जन्म के आधार पर नागरिकता को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले ने गर्भवती महिलाओं को चिंता में डाल दिया है। खबर है कि अब अस्पतालों में ऐसी महिलाएं दस्तक दे रही हैं, जो समय से पहले ही यानी 20 फरवरी से पहले डिलीवरी कराना चाहती हैं। सोमवार को ही ट्रंप ने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है। एक सर्वे में सामने आया है कि कई अमेरिकी वयस्क इस फैसले के खिलाफ हैं।

टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में न्यू जर्सी के डॉक्टर डी रामा बताते हैं कि उनके पास समय से पहले डिलीवरी करने के अनुरोध तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमें से अधिकांश भारतीय महिलाएं हैं, जो अपनी प्रेग्नेंसी के 8वें या 9वें महीने में हैं। ये सभी 20 फरवरी से पहले सी-सेक्शन कराना चाहती हैं। खास बात है कि इनमें कई महिलाएं ऐसी हैं, जिनकी डिलीवरी में अभी महीनों का समय बाकी है।

डॉक्टर रामा ने अखबार को बताया, 'सात महीने की प्रेग्नेंट महिला अपने पति के साथ आई थी और प्री टर्म डिलीवरी कराना चाहती थी। उनकी डिलीवरी मार्च के लिए ड्यू है।' दरअसल, 20 फरवरी के बाद ऐसे पैरेंट्स के बच्चों को अपने आप नागरिकता नहीं मिलेगी, जो अमेरिका के नागरिक नहीं हैं या ग्रीन कार्ड धारक नहीं हैं।

टेक्सास की एक डॉक्टर एसजी मुक्कल ने कहा, 'मैं जोड़ों को यह बताने की कोशिश कर रही हूं कि अगर प्री टर्म डिलीवर संभव हैं, तो भी यह मां और बच्चे के लिए बड़ा जोखिम पैदा कर सकती है। इसकी जटिलताओं में अविकसित फेफड़े, कम वजन, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं समेत कई बातें शामिल हैं।' उन्होंने बताया कि बीते दो दिनों में वह ऐसे 15 से 20 जोड़ों से बात कर चुकी हैं।

मार्च में बच्चे को जन्म देने की तैयारी कर रहीं एक महिला ने अखबार को बताया, 'हम हमारे ग्रीन कार्ड्स के लिए 6 सालों से इंतजार कर रहे हैं। हमारे परिवार को स्थिरता दिलाने के लिए यह ही एक तरीका है। हम अनिश्चितताओं से डरे हुए हैं।' 8 साल पहले अवैध रूप से अमेरिका पहुंचे एक शख्स ने अखबार को बताया कि वह और उनकी पत्नी ट्रंप के इस फैसले की खबर सुनकर दुखी हैं।

उन्होंने कहा, 'हमने सोचा था कि हम शरणार्थी बन जाएंगे, लेकिन तब मेरी पत्नी गर्भवती हो गई और हमारे वकील ने कहा कि हम हमारे बच्चे के जरिए सीधे नागरिकता पा सकेंगे।'

ट्रंप के कदम के खिलाफ मुकदमा दायर किया

अमेरिका के 22 प्रांतों के अटॉर्नी जनरल ने ट्रंप के उस शासकीय आदेश के खिलाफ मंगलवार को मुकदमा दायर किया जिसके तहत देश में जन्म लेने पर किसी भी व्यक्ति को स्वत: नागरिकता मिल जाने के सौ साल पुराने आव्रजन नियम को खत्म करने के लिए कदम उठाया गया है।

इस नियम के तहत यदि किसी व्यक्ति का जन्म अमेरिका में हुआ है तो जन्म के आधार पर उसे अमेरिकी नागरिकता मिल जाती थी, भले ही उनके माता-पिता किसी और देश के हों।

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