Hindi Newsविदेश न्यूज़Indian Consulate in Toronto canceled scheduled consular camps after not receiving security assurance from Justin Trudeau

भारत कनाडा में रद्द करेगा कई कैंप, जस्टिन ट्रूडो ने नहीं दिया खालिस्तानियों से सुरक्षा का भरोसा

एक्स पर एक बयान में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा कि कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सामुदायिक शिविर आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में अपनी असमर्थता व्यक्त करने के मद्देनजर कुछ पूर्व निर्धारित शिविरों को रद्द करने का फैसला किया गया है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, टोरंटोThu, 7 Nov 2024 10:47 AM
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कनाडा से तल्ख रिश्तों और सुरक्षा खतरों के बीच भारत ने कनाडा में कई दूतावास कैम्पों को रद्द करने का फैसला किया है। मशहूर शहर टोरंटो में भारत के वाणिज्य दूतावास ने इसकी घोषणा की है। इसमें कहा गया है कि कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों से पर्याप्त और जरूरी सुरक्षा आश्वासन नहीं मिलने की वजह से वाणिज्य दूतावास के पूर्व निर्धारित कुछ शिविरों को रद्द कर रहा है। भारत ने ये कदम पिछले रविवार को ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों के हिंसक हमलों के बाद उठाया है। खालिस्तान समर्थक अलगाववादी हिन्दू सभा मंदिर परिसर में एक वाणिज्य दूतावास शिविर का विरोध कर रहे थे। अलगाववादियों ने तब मंदिर के अंदर घुस कर श्रद्धालुओं पर हमला भी किया था।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा, “कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सामुदायिक शिविर आयोजकों को न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करने में अपनी असमर्थता व्यक्त करने के मद्देनजर, वाणिज्य दूतावास ने कुछ पूर्व निर्धारित शिविरों को रद्द करने का फैसला किया है।” खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों द्वारा हिन्दू मंदिर परिसर में हिन्दुओं पर की गई हिंसा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निंदा की थी। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में इसे हिंदू मंदिर पर 'जानबूझकर किया गया हमला' बताया था।

प्रधानमंत्री ने कहा था, "हमारे राजनयिकों को डराने-धमकाने की कायराना कोशिश भयावह हैं। हिंसा के ऐसे कृत्य कभी भी भारत के संकल्प को कमजोर नहीं कर सकते। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी।" कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलीवरे सहित अन्य लोगों ने भी हिन्दू सभा मंदिर परिसर में हुए हमले की निंदा की थी।

इस बीच, ओटावा में भारत के उच्चायोग ने कहा कि कई व्यवधानों के बावजूद 1000 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं। हालांकि, उच्चायोग ने कहा कि भविष्य में ऐसे शिविर का आयोजन करना कनाडाई अधिकारियों द्वारा किए गए सुरक्षा प्रबंधों पर निर्भर होंगे। जब स्थितियां असंभव होंगी तो वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। उच्चायोग ने कहा कि दुर्भाग्य से कनाडाई सुरक्षा एजेंसियों के असहयोग के कारण स्थानीय उपयोगकर्ताओं को इन सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है।

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बता दें कि नवंबर में ऐसे 10 वाणिज्य दूतावास शिविर निर्धारित किए गए थे। फिलहाल यह नहीं पता चल सका है कि कुल कितने कैम्प रद्द किए गए हैं। ये शिविर कई स्थानों पर निर्धारित किए गए थे, जिनमें ग्रेटर टोरंटो क्षेत्र में ब्रैम्पटन और मिसिसॉगा में मंदिर और गुरुद्वारे, ओंटारियो में विंडसर, ओकविले, लंदन और किचनर और नोवा स्कोटिया में हैलिफैक्स के शहर शामिल थे। रविवार को हुए हमले के बाद तनाव और बढ़ गया है क्योंकि इससे हिंदू समुदाय में रोष फैल गया है। लगभग 5000 भारतीय-कनाडाई लोगों ने हमले का विरोध करने के लिए सोमवार को एक रैली निकाली लेकिन कनाडाई पुलिस ने इसे अंततः "गैरकानूनी" घोषित करते हुए इसे हटा दिया। दूसरी तरफ, खालिस्तान समर्थक विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए पील क्षेत्रीय पुलिस ने एक गैर-ड्यूटी अधिकारी को निलंबित कर दिया है, जबकि चार लोगों को गिरफ्तार किया है।

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