मालदीव के 28 द्वीपों पर भारत ने बनाए कई प्रोजेक्ट, राष्ट्रपति मुइज्जू बोले- थैंक्यू PM मोदी
- जयशंकर मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। पिछले साल चीन समर्थक मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद यह भारत की ओर से मालदीव की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है।
भारतीय विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर से शनिवार को मुलाकात के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत को धन्यवाद कहा है। उन्होंने भारत के साथ पीएम मोदी को भी धन्यवाद कहा है। मुइज्जू ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव की मदद करता रहा है। मुलाकात के दौरान मुइज्जू और जयशंकर ने दोनों देशों के लोगों के लाभ व क्षेत्रीय समृद्धि के लिए भारत-मालदीव के संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की नयी दिल्ली की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
जयशंकर मालदीव की तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। पिछले साल चीन समर्थक मुइज्जू के पदभार ग्रहण करने के बाद यह भारत की ओर से मालदीव की पहली उच्चस्तरीय यात्रा है। मुइज्जू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जयशंकर से मुलाकात और मालदीव के 28 द्वीपों में जल व सीवर प्रोजेक्ट के आधिकारिक हस्तांतरण में उनका शामिल होना खुशी की बात है।
उन्होंने जयशंकर से मुलाकात की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “मैं मालदीव का हमेशा समर्थन करने के लिए भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करता हूं। हमारी स्थायी साझेदारी लगातार मजबूत हो रही है। यह सुरक्षा, विकास व सांस्कृतिक संबंधों में सहयोग के माध्यम से दोनों देशों को करीब ला रही है। हम साथ मिलकर इस क्षेत्र के लिए एक उज्ज्वल, अधिक समृद्ध भविष्य तय कर रहे हैं।”
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को मालदीव को 28 द्वीपों पर भारत की ओर से 110 मिलियन अमरीकी डालर की लागत वाली एक विशाल जल और स्वच्छता परियोजना सौंपी है। ये प्रोजेक्ट द्वीपसमूह देश की सात प्रतिशत आबादी को कवर करेंगे। तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर माले में मौजूद जयशंकर ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रोजेक्ट्स का वर्चुअल उद्घाटन किया।
भारतीय एक्जिम बैंक द्वारा भारतीय ऋण सुविधा के तहत शुरू की गई 28 द्वीपों में जल और स्वच्छता परियोजनाओं को जयशंकर ने “अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से मालदीव में लागू की गई सबसे बड़ी जलवायु अनुकूलन परियोजना” बताया। जयशंकर ने कहा, “यह भी ध्यान देने योग्य है कि इस परियोजना के पूरा होने से मालदीव सरकार को जलवायु अनुकूल और लागत प्रभावी जल और सीवरेज प्रणाली स्थापित करके अपने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के प्रयासों में मदद मिली है।” विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह परियोजना कई द्वीपों को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराएगी तथा कई अन्य द्वीपों में सीवरेज प्रणाली शुरू करेगी और इसका सीधा असर 28,000 से अधिक मालदीववासियों के जीवन पर पड़ेगा।
इससे पहले, जून में मुइज्जू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की थी। शनिवार को जयशंकर ने मालदीव के रक्षा मंत्री ग़सान मौमून से मुलाकात की और द्विपक्षीय सुरक्षा सहयोग व मालदीव में चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखने से संबंधित ‘‘साझा हितों’’ पर चर्चा की।
भारत और मालदीव के बीच संबंध नवंबर 2023 में चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद तनावपूर्ण हो गए थे। शपथ लेने के कुछ ही घंटों के अंदर उन्होंने मालदीव में तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस भेजने का फैसला किया था। इसके बाद, पारस्परिक रूप से तय तिथि 10 मई तक भारतीय सैन्यकर्मियों को हटा दिया गया था। मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रमुख पड़ोसी देशों में से एक है और पिछली सरकार के दौरान दोनों देशों के बीच मजबूत रक्षा व सुरक्षा संबंध स्थापित हुए थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।