प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे, संबंधों को बेहतर बनाया; मनमोहन सिंह के निधन पर चीन ने जताया शोक
- माओ निंग ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों ने शांति और समृद्धि के लिए रणनीतिक सहयोगी साझेदारी स्थापित की।
चीन ने शुक्रवार को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके द्वारा भारत-चीन संबंधों के विकास में निभाई गई "सकारात्मक भूमिका" की प्रशंसा की। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने भारत-चीन संबंधों के विकास में अहम योगदान दिया।
माओ निंग ने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों ने शांति और समृद्धि के लिए रणनीतिक सहयोगी साझेदारी स्थापित की। इसके अलावा, भारत-चीन सीमा विवाद के समाधान के लिए राजनीतिक मापदंड और मार्गदर्शक सिद्धांतों पर समझौता भी हुआ। माओ ने कहा, "डॉ. सिंह एक वरिष्ठ राजनीतिज्ञ और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थे। उन्होंने भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई। चीन उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करता है और भारत सरकार, भारतीय जनता तथा उनके परिवार के प्रति सहानुभूति प्रकट करता है।"
इससे पहले चीनी राजदूत जू फेइहोंग ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख हुआ, वे एक उत्कृष्ट नेता थे, जिनका भारतीय लोगों द्वारा व्यापक रूप से सम्मान किया जाता था। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति हार्दिक संवेदना।”
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जाना जाता है। उनका गुरुवार रात दिल्ली में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके परिवार में उनकी पत्नी गुरशरण कौर और तीन बेटियां हैं। डॉ. सिंह के नेतृत्व में भारत ने न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में भी महत्वपूर्ण प्रगति की। उनके योगदान को लंबे समय तक याद किया जाएगा। डॉ. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे थे।
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