Earthquake with a magnitude of 4 7 on the Richter Scale hit Afghanistan after Myanmar shocks अब भारत के एक और पड़ोसी देश में आया भूकंप, म्यांमार में आधी रात फिर हिली धरती; क्या वजह?, International Hindi News - Hindustan
Hindi Newsविदेश न्यूज़Earthquake with a magnitude of 4 7 on the Richter Scale hit Afghanistan after Myanmar shocks

अब भारत के एक और पड़ोसी देश में आया भूकंप, म्यांमार में आधी रात फिर हिली धरती; क्या वजह?

  • म्यांमार में आए भूकंप का मुख्य कारण सागाइंग फॉल्ट है, जो म्यांमार के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। यह फॉल्ट 1200 किलोमीटर तक फैली हुई है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, काबुलSat, 29 March 2025 08:12 AM
share Share
Follow Us on
अब भारत के एक और पड़ोसी देश में आया भूकंप, म्यांमार में आधी रात फिर हिली धरती; क्या वजह?

भारत के पड़ोसी देशों में एक के बाद एक कई भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। आज सुबह, 29 मार्च को अफगानिस्तान में सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। यहां भारतीय समयानुसार सुबह 5:16 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मापी गई। इससे कुछ समय पहले, म्यांमार में भी आधी रात को धरती फिर से हिली, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई। म्यांमार में यह ताजा भूकंप बीते दिन, यानी 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद का एक और झटका है, जिसने म्यांमार और थाइलैंड में भारी तबाही मचाई थी।

अफगानिस्तान में भूकंप

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, अफगानिस्तान में भूकंप सुबह करीब 5.16 बजे 180 किलोमीटर की गहराई पर आया। रिक्टर स्केल पर 4.7 की तीव्रता मध्यम श्रेणी का भूकंप माना जाता है, जो आमतौर पर हल्के झटके पैदा करता है और मामूली नुकसान की संभावना रखता है। हालांकि, अभी तक अफगानिस्तान से किसी बड़े नुकसान या हताहत की खबर नहीं आई है। यह क्षेत्र भूकंपीय रूप से सक्रिय है, क्योंकि यह हिंदूकुश पर्वत श्रृंखला के पास स्थित है, जो टेक्टोनिक प्लेट्स की गतिविधियों के लिए जाना जाता है।

म्यांमार में आधी रात का झटका

म्यांमार में 28 मार्च को दोपहर 12:50 बजे (स्थानीय समय) आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद से क्षेत्र में लगातार आफ्टरशॉक्स (बाद के झटके) महसूस किए जा रहे हैं। आधी रात को आए इस ताजा झटके की तीव्रता 4.2 से 4.4 के बीच बताई जा रही है, जो नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार दर्ज की गई। यह भूकंप म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र के पास केंद्रित था, जहां बीते दिन का मुख्य भूकंप भी आया था। इस झटके ने पहले से ही दहशत में जी रहे लोगों को और परेशान कर दिया, और कई लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर भागे।

भूकंप की वजह

म्यांमार में आए भूकंप का मुख्य कारण सागाइंग फॉल्ट (Sagaing Fault) है, जो म्यांमार के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है। यह फॉल्ट 1200 किलोमीटर तक फैली हुई है और बर्मा प्लेट और सुंडा प्लेट के बीच टेक्टोनिक गतिविधियों का परिणाम है। विशेषज्ञों के अनुसार, 28 मार्च का 7.7 तीव्रता का भूकंप स्ट्राइक-स्लिप फॉल्टिंग के कारण हुआ, जिसमें टेक्टोनिक प्लेट्स एक-दूसरे के खिलाफ क्षैतिज रूप से खिसकती हैं। इस बड़े भूकंप के बाद छोटे-छोटे आफ्टरशॉक्स का आना सामान्य है, क्योंकि धरती के नीचे का तनाव धीरे-धीरे समायोजित होता है। आधी रात का झटका भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा माना जा रहा है। अफगानिस्तान का भूकंप हिंदूकुश क्षेत्र में भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के टकराव के कारण हुआ। यह क्षेत्र भी भूकंपीय रूप से संवेदनशील है और समय-समय पर ऐसे झटके महसूस किए जाते हैं।

ये भी पढ़ें:भूकंप के बाद म्यांमार की मदद में सबसे आगे भारत, भेजी 15 टन राहत सामग्री
ये भी पढ़ें:भूकंप के बाद हर तरफ तबाही का मंजर, खून की किल्लत; 1000 से ज्यादा मौतों की आशंका

म्यांमार में पहले भूकंप का असर

28 मार्च को म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई। म्यांमार के सैन्य प्रशासन के अनुसार, इस आपदा में कम से कम 144 लोगों की मौत हुई और 732 से अधिक लोग घायल हुए। इसका केंद्र मांडले शहर के पास था, जो म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इस भूकंप की गहराई मात्र 10 किलोमीटर थी, जिसके कारण सतह पर हिंसक झटके महसूस किए गए। पड़ोसी देश थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में भी एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 9 लोगों की मौत हुई। म्यांमार में सड़कें टूट गईं, इमारतें ध्वस्त हो गईं, और कई क्षेत्रों में बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो गई। सैन्य सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित कर दिया और अंतरराष्ट्रीय सहायता की अपील की है।

वर्तमान स्थिति

म्यांमार में राहत और बचाव कार्य जोरों पर हैं, लेकिन सैन्य संघर्ष और खराब बुनियादी ढांचे के कारण यह काम मुश्किल हो रहा है। अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं, और कई लोग अभी भी मलबे में फंसे हो सकते हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार को हर संभव सहायता देने की पेशकश की है। दूसरी ओर, अफगानिस्तान में स्थिति का आकलन जारी है, और अभी तक वहां से बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है। भूकंप के इन लगातार झटकों ने क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है, और विशेषज्ञ आने वाले दिनों में और आफ्टरशॉक्स की आशंका जता रहे हैं। लोगों से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी जा रही है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।