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Hindi Newsविदेश न्यूज़Dragons open threat to America, said if it does this, we will crush it

ड्रैगन की अमेरिका को खुली धमकी, कहा- यह हरकत की तो कुचल कर रख देंगे

  • ड्रैगन के दक्षिणी चीन सागर में आक्रामक रवैया दिखाने के कारण अमेरिका और चीन के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। अमेरिका ताइवान समेत बाकी देशों के पक्ष में आकर चीन के खिलाफ हो जाता है।

Upendra Thapak एएफपीThu, 12 Sep 2024 10:13 AM
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चीन की तरफ से अमेरिका को खुली धमकी दी गई है कि अगर उसने दक्षिणी चीन सागर में अपने प्यादों को आगे बढ़ाने की कोशिश की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। जो भी चीन की सेना के सामने आएगा उसे कुचल कर रख दिया जाएगा। चीन की राजधानी बीजिंग में चल रहे एक सैन्य रक्षा मंच के मौके पर एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, चीन, दक्षिणी चीन सागर सहित अपने क्षेत्र में किसी भी विदेशी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा। हम घुसपैठ करने वाली किसी भी ताकत को कुचलने में सक्षम हैं। हमें उम्मीद है कि दक्षिणी चीन सागर शांति का सागर बना रहेगा।

चीन के लेफ्टिनेंट जनरल हे लेई ने कहा कि अगर अमेरिका अपने प्यादों को हमारी समुद्री सीमा के अंदर आने के लिए उकसाता है या फिर खुद भी अंदर आने की कोशिश करता है तो फिर हमारी सेना भी धैर्य से काम नहीं लेगी। हम युद्ध नहीं चाहते लेकिन हमारी संप्रभुता पर आंच आई तो फिर हम इससे पीछे भी नहीं हटेंगे।

दुश्मन कोई भी हो, हमारी सेना में कुचलने की क्षमता

लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि हमारी सेना किसी भी हालत में अपनी देश की सभी सीमाओं की रक्षा करने में सक्षम है और वह ऐसे किसी भी दुश्मन से लड़कर उसे कुचलने के लिए तत्पर है जो सीमाओं का अतिक्रमण करना चाहते हैं या करने की सोच रहे हैं।दक्षिणी चीन सागर सहित पूरे विवादित समुद्री क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैए के कारण बीजिंग और वाशिंगटन के बीच लगातार टकराव बना रहता है। इसका सबसे बड़ा कारण यह भी है कि अमेरिका ताइवान और जापान की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध है तो वहीं चीन इन पर लगातार हमलावर रहता है। 

हाल के दिनों में चीनी तटरक्षक दलों द्वारा फिलीपींस की नौसेना के साथ जो अभद्र व्यवहार किया गया उसके बाद पूरी दुनिया में एक बार फिर से यह मुद्दा गर्मा गया। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और पूरी दुनिया से यह उम्मीद करता है कि वह भी ताइवान को उसका हिस्सा माने लेकिन ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश के रूप में मानता है। चीनी फाइटर जेट लगातार ताइवान की वायुसीमा का उल्लंघन करते रहते हैं, जिसके कारण अमेरिका और चीन के बीच टकराव का एक और कारण बन जाता है।

चीन के अपने हर पड़ोसी के साथ सीमा विवाद हैं। अपनी विस्तारवादी सोच के कारण चीन हमेशा ही छोटे देशों पर अपनी धौंस जमाने के लिए जाना जाता रहा है। अमेरिका दक्षिणी चीन सागर में अपने प्रभुत्व को कम नहीं होने देना चाहता इसलिए साउथ चाइना सी की यह लड़ाई सीधे अमेरिका और चीन के बीच हो जाती है।

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