गाजा से यूक्रेन तक ट्रंप पर भारी चालाकी, यूरोप से अरब तक दोस्त ही हुए खिलाफ
- गाजा से लेकर यूक्रेन को लेकर डोनाल्ड ट्रंप जो बातें और फैसले ले चुके हैं। इसने अरब देशों और यूरोप को नाराज कर दिया है। आज अरब नेता गाजा के फ्यूचर को लेकर अहम बैठक करेंगे।

20 जनवरी से अमेरिकी सत्ता में आने के बाद से डोनाल्ड ट्रंप हर किसी को निशाने पर बनाए रखे हुए हैं। खासकर, गाजा और यूक्रेन मसले को लेकर ट्रंप के फैसले, कदम और सलाह से विवाद गहराता जा रहा है। पहले यूक्रेन प्रेजिडेंट वोलोदिमीर जेलेंस्की को अमेरिका बुलाया और बेइज्जत कर लौटा दिया। फिर यूक्रेन को मिल रही सैन्य मदद रोक दी। इससे पहले ट्रंप गाजा पर अमेरिकी कब्जे का ख्वाब दुनिया को बता चुके हैं। ट्रंप ने एक एआई वीडियो जारी किया था, जिसमें गाजा से फिलिस्तीनियों को बाहर निकालने की बात कही। ट्रंप के इन कदमों को लेकर यूरोप से लेकर अरब मुल्कों में काफी नाराजगी और गुस्सा है।
4 मार्च का दिन गाजा के लिए बहुत अहम है। काहिरा में आज अरब देशों के नेता गाजा पुनर्निर्माण को लेकर शिखर सम्मेलन में जुटेंगे। यह बैठक ट्रंप की विवादित योजना के खिलाफ एक अहम कदम मानी जा रही है, जिसमें उन्होंने गाजा पर अमेरिकी नियंत्रण और फिलिस्तीनियों को बाहर करने का प्रस्ताव दिया था।
गाजा पुनर्निर्माण पर अरब देशों की पहल
संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, गाजा के पुनर्निर्माण के लिए 53 अरब डॉलर से अधिक की लागत आएगी। इस संकट के समाधान के लिए अरब लीग ने एक वैकल्पिक योजना तैयार की है, जिसमें हमास को दरकिनार कर एक नए प्रशासनिक ढांचे का प्रस्ताव दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक, इस प्रस्ताव में गाजा की बागडोर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के हाथ में देने और इसे अरब, मुस्लिम और पश्चिमी देशों की सहायता से पुनर्निर्मित करने की योजना है। हालांकि, इस योजना में वेस्ट बैंक स्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण की कोई स्पष्ट भूमिका नहीं दी गई है, जिससे इसे लेकर विवाद भी हो सकता है।
नेतन्याहू पर भी भड़के अरब नेता
गाजा से फिलिस्तीनियों को बाहर निकालने की बात कहकर पहले ही ट्रंप अरब देशों के निशाने पर हैं। वहीं, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्रंप की योजना को "दूरदर्शी" बताया। इसे अरब देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इसे खारिज कर दिया है। इस बीच, इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम को लेकर भी गतिरोध बना हुआ है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने बंधकों की रिहाई न होने पर हमास को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। नेतन्याहू पहले तो शांति समझौता करने से साफ इन्कार कर दिया। इसके बाद उन्होंने गाजा में दी जाने वाली राहत सामग्री के ट्रक रुकवा दिए। नेतन्याहू का यह कदम रमजान के पाक महीने में किया गया है। इसे मुस्लिम देशों ने गाजा के बेगुनाह लोगों से बैर रखने वाला कदम बताया है।
क्या निकलेगा नतीजा?
आज काहिरा में हो रही इस बैठक में मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और बहरीन के राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा समेत कई अरब देशों के शीर्ष नेता शामिल हो रहे हैं। यह देखना अहम होगा कि क्या अरब जगत कोई ठोस निर्णय लेता है, जिससे गाजा संकट का समाधान निकल सके, या फिर यह विवाद और गहरा जाएगा।
यूक्रेन को झटका देकर अलग-थलग हुए ट्रंप
ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी अमेरिकी सैन्य सहायता की आपूर्ति को तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। ट्रंप का यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति के कार्यालय ‘ओवल ऑफिस’ में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ एक अभूतपूर्व टकराव के बाद सामने आया है। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक खबर में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि ट्रंप ने यूक्रेन को सभी अमेरिकी सैन्य सहायता की आपूर्ति को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है और यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है जिससे ‘‘एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के हथियार और गोला-बारूद’’ की आपूर्ति प्रभावित होगी।
हालांकि ट्रंप के फैसले से उलट यूरोपीय देशों ने जेलेंस्की को अपना पूरा सहयोग देने का आह्वान किया। पहले ब्रिटेन सरकार ने यूक्रेन के लिए अपना खजाना खोला और करीब 24 हजार करोड़ का लोन देने का ऐलान किया। इस लोन की भरपाई ब्रिटेन में रूसी संपत्तियों को जब्त करके वसूली जाएगी।
यूक्रेन के लिए शांति योजना
यूरोपीय नेता एकजुट होकर यूक्रेन के लिए एक शांति योजना तैयार करने को तैयार हैं, जिसे वे अमेरिका के सामने पेश करेंगे। यूके पीएम कीर स्टार्मर ने कहा, "यह अधिक बातचीत का समय नहीं है। अब कार्रवाई करने, नेतृत्व करने और न्यायसंगत एवं स्थायी शांति के लिए एक नई योजना पर एकजुट होने का समय है।" किसी भी स्थायी शांति प्रयास में यूक्रेन की संप्रभुता को बनाए रखना जरूरी है, और वार्ता की मेज पर यूक्रेन को शामिल किया जाना चाहिए।
स्टार्मर और अन्य यूरोपीय नेताओं ने यूक्रेन को सैन्य सहायता जारी रखने का संकल्प लिया। यदि शांति समझौता होता है, तो यूक्रेन की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत किया जाएगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, "शांति समझौते की स्थिति में, हम यूक्रेन की अपनी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाते रहेंगे ताकि किसी भी भविष्य के आक्रमण को रोका जा सके।"
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