यूक्रेन के बाद पूरे यूरोप को झटका देगा अमेरिका! नाटो से लेकर UN तक छोड़ने पर मंथन
- जेलेंस्की से बहस के बाद जब उन पर व्लादिमीर पुतिन से करीबी के आरोप लगे तो इसका भी ट्रंप ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। ट्रंप ने कहा, 'हमें पुतिन के बारे में चिंता करने में अपना वक्त नहीं लगाना चाहिए। इसकी बजाय हमें प्रवासियों की ओर से अमेरिका में किए जा रहे अपराधों को रोकने पर फोकस करना चाहिए।

अमेरिका की सत्ता पर डोनाल्ड ट्रंप के काबिज होने के बाद से कूटनीति के मायने ही बदल गए हैं। कूटनीति में यह माना जाता था कि भले ही जमीनी स्तर मैत्री कायम न हो, लेकिन औपचारिक भाषा में मर्यादा बनी रहनी चाहिए। लेकिन डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से कूटनीतिक भाषा ही बदल गई है। डोनाल्ड सब कुछ खरा-खरा बोलने की आदत रखते हैं और इसी के चलते यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से उनकी तीखी बहस वाइट हाउस के अंदर हुई। दो देशों के राष्ट्रपतियों की मुलाकात का यह एकमात्र ऐसा नजारा था, जिसमें इस तरह भिड़ंत हुई हो। रूस से जंग खत्म करने का दबाव डालते हुए डोनाल्ड ट्रंप आक्रामक थे तो जेलेंस्की भी झुकने को तैयार नहीं। लेकिन अमेरिका ने यूक्रेन को दी जाने वाली मदद रोक कर करारा झटका दिया है।
यही नहीं अब चिंता में यूरोप भी है। इसकी वजह यह है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में इस बात पर मंथन चल रहा है कि अमेरिका को NATO ही छोड़ देना चाहिए या नहीं। NATO में ज्यादातर यूरोपीय देश ही हैं। उससे बाहर के कुछ देशों में तुर्की और अमेरिका ही शामिल हैं। NATO का संकल्प है कि यदि किसी भी मित्र देश पर हमला होता है तो सभी मिलकर उसमें ल़ड़ेंगे। यही वजह है कि यूरोप के ज्यादातर NATO का हिस्सा हैं और किसी भी जंग में अमेरिकी मदद चाहते हैं। वहीं एलन मस्क समेत डोनाल्ड ट्रंप के ज्यादातर साथियों का कहना है कि अमेरिका को इस गठबंधन से निकल जाना चाहिए।
एलन मस्क का कहना है कि इस गठजोड़ से अमेरिका का अपना कोई हित नहीं सधता। इसमें उसके संसाधन खर्च होते हैं, जबकि फायदा सिर्फ यूरोप का होता है। उस यूरोप का जो हथियारों पर काफी कम खर्च करता है और अमेरिका पर निर्भर है। एलन मस्क के अलावा ट्रंप के एक और करीबी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर गुंथर इगलमैन ने भी लिखा है, 'अब समय आ गया है कि अमेरिका नाटो और संयुक्त राष्ट्र छोड़ दे। इसके अलावा वर्ल्ड बैंक भी छोड़ देना चाहिए।' डोनाल्ड ट्रंप का रुख भी यह संकेत दे रहा है कि वह ऐसी सलाह पर विचार कर सकते हैं। वह खुद लगातार यूरोप पर हमला बोलते रहे हैं और उसे अपनी सुरक्षा का इंतजाम खुद करने की नसीहत देते रहे हैं।
ट्रंप ने क्यों कहा- ऐसे तो हम यूरोप की तरह खत्म हो जाएंगे
जेलेंस्की से बहस के बाद जब उन पर व्लादिमीर पुतिन से करीबी के आरोप लगे तो इसका भी ट्रंप ने अपने ही अंदाज में जवाब दिया है। ट्रंप ने कहा, 'हमें व्लादिमीर पुतिन के बारे में चिंता करने में अपना वक्त नहीं लगाना चाहिए। इसकी बजाय हमें प्रवासियों की ओर से अमेरिका में किए जा रहे अपराधों को रोकने पर फोकस करना चाहिए। यहां उनके द्वारा गैंगरेप हो रहे हैं। कत्ल किए जा रहे हैं। ऐसे में हमें उनसे निपटने पर फोकस करना है। य़दि यही सब जारी रहा तो हम यूरोप की तरह खत्म हो जाएंगे।'
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