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Hindi Newsविदेश न्यूज़Chinas influence on Russia is rising, Putin said My children also speak Chinese

सिर चढ़कर बोल रहा रूस पर चीन का असर, पुतिन बोले- मेरे बच्चे भी बोलते हैं चाइनीज

  • यूक्रेन से युद्ध के बीच चीन पर बढ़ती रूस की निर्भरता अब मुखर तौर पर सामने आने लगी है। दोनों देशों की बढ़ती साझेदारी के बीच रूस में मंदारिन की लोकप्रियता बढ़ रही है।

Upendra Thapak लाइव हिन्दुस्तानMon, 2 Sep 2024 12:47 PM
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यूक्रेन के साथ यूद्ध में उलझे रूस पर चीन का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है। चीनी भाषा मंदारिन को पूरे रूस में सबसे पसंदीदा विदेशी भाषा के रूप में देखा जा रहा है। लगातार बढ़ती मंदारिन की लोकप्रियता के बीच सोमवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि उनके परिवार के बच्चे एक दम साफ मंदारिन बोलते हैं। स्कूली बच्चों से बात करते हुए पुतिन ने कहा कि हमें मंदारिन को सीखना चाहिए लेकिन अंग्रेजी के महत्व को भी समझना चाहिए क्योंकि यह एक अहम भाषा है जो हमें दुनियाभर के ज्ञान को समझने के लिए जरूरी है।

पुतिन ने कहा कि मैं अच्छी तरह से जर्मन बोल सकता हूं समझ सकता हूं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं अंग्रेजी से मुंह मोड़ लूं। मैंने अंग्रेजी भी सीखी है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी एक महान भाषा है। इसने दुनियाभर के ज्ञान को एकजुट किया है और मानव सभ्यताओं को करीब लाया है, इसके साथ ही इसने मानवता को बहुत कुछ दिया भी है। इसलिए हमारे लिए यह जरूरी है कि हम अंग्रेजी सीखने में भी ध्यान दें।  2022 में हुई रूसी जनगणना के मुताबिक रूस में,रूसी,अंग्रेजी, तातार, जर्मन और चेचन भाषा सबसे ज्यादा बोली जाती हैं, जबकि मंदारिन पहले बहुत कम बोली जाती थी लेकिन हालिया समय में यह काफी तेजी के साथ रूसी घरों में लोकप्रिय हुई है।

अपने परिवार के बारे में बात नहीं करते पुतिन लेकिन बच्चों के सामने सब बोल दिया

रूसी मीडिया के मुताबिक पुतिन अपने परिवार के बारे में ज्यादा बात नहीं करते हैं। पुतिन और उनकी पत्नी के बीच में 2014 में तलाक हो गया था। पुतिन और उनकी पत्नी ल्यूडमिला की दो बेटियां हैं और वह रूसी, अंग्रेजी, जर्मन और फ्रेंच भाषा की अच्छी जानकार हैं। पुतिन के परिवार के बारे में रूसी मीडिया का कहना है कि उनके परिवार के बारे में ज्यादा जानकारी तो नहीं है लेकिन राष्ट्रपित के करीब तीन से चार पोते पोतियां हैं।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच लगातार समझौते होते रहे हैं। इसी मई में इन दोनों ने मिलकर एक नए युग का वादा किया था। दरअसल, इन दोनों ही देशों की अमेरिका के ज्यादा बनती नहीं है ऐसे में दुश्मन का दुश्मन दोस्त वाली फिलॉसफी अपना कर यह दोनों ही देश एक-दूसरे के करीब जाते जा रहे हैं। चीन की बढ़ती आर्थिक ताकत अमेरिका की आंखों में खटकती है तो रूसी सैन्य शक्ति पश्चिमी देशों को परेशान करती है। यूक्रेन युद्ध के दौरान लगातार चीन रूस की मदद कर रहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन लगातार गोला-बारूद और हथियारों के जरिए रूस की मदद कर रहा है। चीन के तरफ रूस की इसी झुकाव की तरफ इशारा करके पश्चिमी देश भारत को लगातार यह कहते हैं कि यदि भारतीय सीमाओं पर कभी चीनी हमला होता है तो रूस भारत की मदद के लिए कभी आगे नहीं आएगा, इसीलिए भारत को रूस का साथ छोड़ खुले तौर पर अमेरिका की नीतियों का समर्थन करते हुए रूस के ऊपर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

इन दोनों देशों के बीच में 2022 में "NO LIMITS" साझेदारी हुई, जिसका मतलब था कि चीन और रूस एक दूसरे की किसी भी हद तक मदद करेंगे। इस साझेदारी के कुछ ही दिनों के बाद पुतिन ने यूक्रेन पर चढ़ाई कर दी थी।

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