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Hindi Newsविदेश न्यूज़Bangladesh government says no plan to change national anthem after Jamaat-e-Islami blame to india

‘भारत ने 1971 में थोपा राष्ट्रगान’; जमात-ए-इस्लामी ने उठाई बदलने की मांग, क्या बोली बांग्लादेश सरकार

  • बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी का राष्ट्रगान और संविधान बदलने की मांग पर यूनुस सरकार का कहना है कि वह ऐसा कुछ नहीं करेगी, जिससे विवाद पैदा हो। जमात ने आरोप लगाया था कि भारत ने 1971 में बांग्लादेश का राष्ट्रगान थोपा था।

Gaurav Kala ढाका, पीटीआईSun, 8 Sep 2024 03:18 AM
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बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार के बीच राष्ट्रगान को लेकर भी विवाद उठ गया है। बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी ने देश के राष्ट्रगान और संविधान को बदलने की मांग उठाई थी। अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल ने आरोप लगाया था कि 1971 में भारत ने बांग्लादेश पर यह राष्ट्रगान थोपा था, जिसे बदलने की आवश्यकता है। अब इस पूरे मामले पर यूनुस सरकार की तरफ से बयान आया है। देश में धार्मिक मामलों के सलाहकार खालिद हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने साफ किया कि अंतरिम सरकार विवाद पैदा करने के लिए कुछ भी नहीं करेगी।

बांग्लादेश के धार्मिक मामलों के सलाहकार खालिद हुसैन ने शनिवार को कहा कि देश के राष्ट्रगान को बदलने की कोई योजना नहीं है। हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अंतरिम सरकार कुछ भी ऐसा नहीं करेगी, जिससे विवाद पैदा हो।’’ हुसैन का यह बयान बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी की ओर से इस सप्ताह की शुरुआत में देश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव की मांग करने के बाद आया है। 

भारत से अच्छे संबंध चाहता है बांग्लादेश

हुसैन ने कहा कि पड़ोसी देश होने के नाते बांग्लादेश भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहता है। ढाका ट्रिब्यून ने हुसैन के हवाले से कहा, ''हमने भारत में हमारी क्रिकेट टीम पर हमलों की खबरें सुनी हैं। चूंकि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) प्रभारी है, वे आवश्यक कार्रवाई पर निर्णय लेंगे।” मस्जिदों, मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हमलों को "जघन्य" बताते हुए हुसैन ने कहा, "जो लोग पूजा स्थलों पर हमला करते हैं वे मानवता के दुश्मन हैं। वे अपराधी हैं और उन पर मौजूदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।” हुसैन ने आगे कहा कि किसी भी हमले या तोड़फोड़ को रोकने के लिए स्थानीय नागरिकों के साथ-साथ मदरसे के छात्र भी दुर्गा पूजा के दौरान मंदिरों की सुरक्षा करेंगे।

जमात-ए-इस्लामी के क्या आरोप

बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के पूर्व अमीर गुलाम आजम के बेटे अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने इस सप्ताह की शुरुआत में देश के राष्ट्रगान और संविधान में बदलाव का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था, "मैं राष्ट्रगान का मामला इस सरकार पर छोड़ता हूं। हमारे पास जो वर्तमान राष्ट्रगान है, वह हमारे स्वतंत्र बांग्लादेश के अस्तित्व के विपरीत है। यह बंगाल विभाजन और दो बंगालों के विलय के समय को दर्शाता है। ऐसा कैसे हो सकता है? दो बंगालों को एकजुट करने के लिए बनाया गया एक गान एक स्वतंत्र बांग्लादेश का राष्ट्रगान बन गया? यह गान 1971 में भारत द्वारा हम पर थोपा गया था। कई गाने राष्ट्रगान के रूप में काम कर सकते हैं। सरकार को एक नए राष्ट्रगान का चयन करने के लिए एक नया आयोग बनाना चाहिए ।"

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