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सऊदी अरब में वार्ता से पहले नरम पड़े ट्रंप, यूक्रेन को देने जा रहे बड़ी ढील; रुख में अचानक क्यों बदलाव?

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अगर शांति प्रक्रिया पर अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता आगे बढ़ती है, तो ट्रम्प प्रशासन कीव को खुफिया और सैन्य सहायता फिर से शुरू कर सकता है।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, जेद्दा/ सऊदी अरबTue, 11 March 2025 04:31 PM
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सऊदी अरब में वार्ता से पहले नरम पड़े ट्रंप, यूक्रेन को देने जा रहे बड़ी ढील; रुख में अचानक क्यों बदलाव?

यूक्रेन-रूस युद्ध की समाप्ति और अहम खनिज सौदों पर आम सहमति बनाने के लिए सऊदी अरब के शहर जेद्दा में आज यूक्रेनी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की बैठक हो रही है। पिछले महीने 28 फरवरी को वाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगी उप राष्ट्रपति जेडी वेन्स के बीच हुई तीखी झड़प के बाद यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है। उस बैठक में ट्रंप ने जेलेंस्की की मीडिया के सामने खिंचाई की थी, जिसके बाद अपमानित यूक्रेनी राष्ट्रपति बिना लंच किए वाइट हाउस से चले गए थे।

इस गतिरोध के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता और युद्ध में दिए जा रहे खुफिया जानकारी साझा करने पर रोक लगा दी थी लेकिन अब जेद्दा में हो रही इस बैठक से ऐन पहले ट्रंप के रुख में बदलाव आया है। 'द हिल' की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर की अंतिम अपील के बाद यूक्रेन को सैन्य सहायता और खुफिया सहायता रोकने के अपने फैसले को पलटने को तैयार हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि

सऊदी अरब में होने वाली शांति वार्ता से पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने ट्रंप से लगभग 20 मिनट तक बात की, जिसमें उन्होंने ट्रंप से यूक्रेन के लिए खुफिया जानकारी साझा करने और सैन्य सहायता फिर से शुरू करने का आग्रह किया है।

सैन्य सहायता फिर से शुरू कर सकता है अमेरिका

दूसरी तरफ, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अगर मंगलवार को शांति प्रक्रिया पर अमेरिकी और यूक्रेनी अधिकारियों के बीच उच्च स्तरीय वार्ता आगे बढ़ती है, तो ट्रम्प प्रशासन कीव को खुफिया और सैन्य सहायता फिर से शुरू कर सकता है। रुबियो ने सोमवार रात सऊदी अरब पहुंचने से ठीक पहले विमान में संवाददाताओं से कहा, “मुझे उम्मीद है कि कल हमारी बैठक बहुत अच्छी होगी और हम जल्द ही एक अलग जगह पर होंगे।”

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बता दें कि ट्रंप द्वारा सैन्य सहायता रोकने और खुफिया जानकारी कम करने के फैसले ने कीव पर बातचीत करने का दबाव डाला है। इस वक्त यूक्रेनी राष्ट्रपति भी सऊदी अरब में हैं लेकिन वह इस वार्ता में भाग नहीं ले रहे हैं। हालांकि, उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस से मुलाकात की है। सऊदी अरब यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध रोकने के लिए मध्यस्थता कराना चाहता है। इससे पहले भी सऊदी ने बड़ी भूमिका निभाई है, जिसमें कैदियों की अदला-बदली और पिछले महीने रूस और अमेरिका के बीच वार्ता की मेजबानी करना शामिल है।

ट्रंप के रुख में बदलाव क्यों?

दरअसल, वैश्विक शांति दूत बनने का सपना देखने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप चाहते हैं कि यूक्रेन युद्ध जितनी जल्दी हो सके रोकी जाए और इसके बदले में वह यूक्रेन के साथ खनिज समझौता पूरी करें। इसके लिए वह यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की पर वह भारी दबाव बनाए हुए हैं। दूसरी तरफ जेलेंस्की यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि भले ही वे अमेरिकी सुरक्षा गारंटी हासिल करने में विफल रहे हों, लेकिन वह मोर्चे पर डटे हुए हैं और रूस से मुकाबला कर रहे हैं।

इस बीच, कीव यूरोपीय देशों से सहानुभूति बटोरने में कामयाब रहा है। आज ही (मंगलवार को) नाटो के 30 से ज्यादा देश पेरिस में एक अहम बैठक करने वाले हैं और रूस से युद्ध विराम के बाद यूक्रेन पर किसी तरह के हमले के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय सेना के गठन पर चर्चा करने वाले हैं। इस बैठक के लिए अमेरिका समेत तीन नाटो देशों को न्योता नहीं दिया गया है।

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