बिना JEE Main के IIT के BS कोर्स में लें एडमिशन, आर्ट्स वाले भी हैं योग्य, जानें BSc से कैसे है यह अलग
आईआईटी मद्रास ने जनवरी 2023 बैच के चार वर्षीय बीएस (बैचलर ऑफ साइंस) कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। onlinedegree.iitm.ac.in पर जाकर 16 जनवरी 2023 तक आवेदन कर सकते हैं।
आईआईटी मद्रास ने जनवरी 2023 बैच के चार वर्षीय बीएस (बैचलर ऑफ साइंस) कोर्स में एडमिशन के लिए आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इच्छुक व योग्य उम्मीदवार इस रिसर्च बेस्ड बीएस इन डाटा साइंस एंड एप्लीकेशंस कोर्स के लिए onlinedegree.iitm.ac.in पर जाकर 16 जनवरी 2023 तक आवेदन कर सकते हैं। इस कोर्स में जेईई मेन के बिना एडमिशन मिलेगा। जिन स्टूडेंट्स के बास कक्षा 10वीं में इंग्लिश और मैथ्स था और जो कक्षा 12वीं में पढ़ाई कर रहे हैं, वह इस कोर्स के लिए आवेदन करने के योग्य हैं। किसी भी स्ट्रीम (आर्ट्स, कॉमर्स, साइंस) के स्टूडेंट्स इस कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें कोई आयु सीमा भी नहीं है।
आईआईटी मद्रास ने पिछले साल ही बीएस कोर्स शुरू किया था। पहले बैच के स्टूडेंट्स की इंटर्नशिप फोर्ड एनालिटिक्स, केपीएमजी, आदित्य बिड़ला, रेनॉल्ट निसान, वॉनेट, बुकामन एशिया पेसिफिक, रिलायंस जियो व अन्य कई प्रतिष्ठित कंपनियों में लगी है। बीएस प्रोग्राम में पहले फाउंडेशन लेवल की पढ़ाई होती है। इसके बाद डिप्लोमा लेवल का कोर्स होता है। डिप्लोमा में डाटा स्ट्रक्टचर एंड एल्गोरिदम, जावा प्रोग्रामिंग, वेब एप्लीकेशन डेवलपमेंट, डाटाबेस मैनेजमेंट, लाइनेक्स इंट्रोडक्शन आदि आते हैं।
चार वर्षीय बीएस प्रोग्राम में मल्टीपल एग्जिट सिस्टम भी होगा। यानी कोई स्टूडेंट्स चार साल न पढ़कर पहले कोर्स छोड़ देता है तो उसे डिप्लोमा मिल सकेगा।
कैसे होगा चयन
बीएस कोर्स एक क्वालिफायर प्रक्रिया है जिसमें आईआईटी मद्रास छात्रों को चार बेसिक विषय पढ़ाएगा।
और उन विषयों पर स्टूडेंट्स को परखेगा। जो स्टूडेंट्स इनमें न्यूनतम पासिंग मार्क्स 50 से ज्यादा हासिल करेंगे, उन्हें कोर्स में एंट्री मिलेगी। सीटों की कोई सीमा नहीं है। जो भी पास होगा, वे सभी कोर्स कर सकते हैं।
BSc vs BS : दोनों में क्या है फर्क
बीएस और बीएससी दोनों ही कोर्स बैचलर ऑफ साइंस हैं। असल में इन दोनों के बीच सबसे बड़ा अंतर इनकी अवधि का है। आमतौर पर जहां बीएससी डिग्री कोर्स जहां तीन साल का है वहीं बीएस डिग्री कोर्स चार साल का होता है। बीएस में रिसर्च पर अधिक ध्यान दिया जाता है। बीएस बैचलर ऑफ साइस में एक स्पेशलाइज्ड डिग्री होती है। ग्रेजुएशन के बाद बहुत सी जगहों पर बीएस डिग्रीधारकों को बीटेक वालों के बराबर मान लिया जाता है। बीएस करने के बाद बहुत से विश्वविद्यालयों में पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीएस के बाद गेट एग्जाम के जरिए एमएस में दाखिला ले सकते हैं। बीएससी में कोई रिसर्च वर्क करने की जरूरत नहीं होती है। जबकि चार वर्षीय बीएस में एक वर्ष का रिसर्च वर्क करना अनिवार्य है।
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