जानें कैसे परीक्षा और रिजल्ट में बिहार बोर्ड ने CBSE, एमपी बोर्ड और यूपी बोर्ड को छोड़ा पीछे
इंटर के बाद अब मैट्रिक का रिजल्ट समय से पहले देकर बिहार बोर्ड ने एक बार फिर इतिहास रचा है। सीबीएसई, यूपी बोर्ड, एमपी बोर्ड और आईसीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा भी नहीं हुई है, वहीं बिहार...
इंटर के बाद अब मैट्रिक का रिजल्ट समय से पहले देकर बिहार बोर्ड ने एक बार फिर इतिहास रचा है। सीबीएसई, यूपी बोर्ड, एमपी बोर्ड और आईसीएसई की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा भी नहीं हुई है, वहीं बिहार बोर्ड ने रिजल्ट भी जारी कर दिया। बिहार बोर्ड के फरवरी में परीक्षा लेने और समय से मूल्यांकन करने का असर यह हुआ कि पहले इंटर और अब मैट्रिक का रिजल्ट जारी कर दिया गया। अब छात्र आगे की पढ़ाई की तैयारी कर पाएंगे। जबकि सीबीएसई और आईसीएसई के छात्रों को रिजल्ट के लिए अगस्त तक इंतजार करना होगा। बिहार बोर्ड की मानें तो बेहतर मूल्यांकन, रिजल्ट प्रोसेसिंग में नए सॉफ्टवेयर के प्रयोग ने रिजल्ट को बदल डाला है। पिछले चार साल यानी 2018 से 2021 की बात करें तो तकनीक के प्रयोग से न सिर्फ रिजल्ट हर साल बेहतर हो रहा है। तकनीक के मामले में बिहार बोर्ड देश का सर्वेश्रेष्ठ बोर्ड बन चुका है।
2020 से अपना सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा रिजल्ट
2020 की बात करें तो नए सॉफ्टवेयर से रिजल्ट प्रोसेसिंग के कारण 50 छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रहा है। वहीं 2020 में मात्र चार छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग रहा। जबकि 2019 की बात करें तो 179 छात्रों का रिजल्ट पेंडिंग था। वहीं 2018 की बात करें तो पांच सौ से अधिक विद्यार्थियों का रिजल्ट पेंडिंग हुआ था। लेकिन मूल्यांकन से लेकर रिजल्ट प्रोसेसिंग में तकनीक के कारण रिजल्ट बेहतर हुआ है।
कंप्यूटराइज्ड फॉर्मेट था तैयार
मूल्यांकन के साथ रिजल्ट भी तैयार हो रहा था। बोर्ड द्वारा कंप्यूटराइज्ड फॉर्मेट तैयार किया गया था। इस फॉर्मेट की स्कैनिंग कराकर डाटा तैयार कराया गया था। इससे रिजल्ट प्रोसेसिंग मेंतेजी आयी थी। मूल्यांकन के साथ रिजल्ट भी तैयार हो रहा था। हर मूल्यांकन केंद्र पर छह-छह कंप्यूटर की व्यवस्था की गयी थी। बारकोड कॉपियों के अंकों को सीधे कंप्यूटर के माध्यम से बोर्ड के पास भेजा जा रहा था।
बेहतरी के लिए हुए उपाय
- कॉपी और ओएमआर पर विद्यार्थी का नाम, रौल नंबर, विषय कोड, परीक्षा की तिथि के साथ विद्यार्थी की फोटो लगायी गयी थी। इससे पेंडिंग रिजल्ट नहीं हुआ।
- कंप्यूटर के माध्यम से रिजल्ट तैयार किया गया
- बोर्ड ने अपना सॉफ्टवेयर रिजल्ट के लिए तैयार किया
- सभी विषयों में प्रश्न पत्रों के दस-दस सेट तैयार किये गए थे। इससे कदाचार मुक्त परीक्षा ली जा सकी
- प्रत्येक जिले में चार-चार मॉडल केंद्र बनाये गये, प्रत्येक मॉडल केंद्र को सजाया गया था
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