Maha Kumbh 2025: 3 सरकारी नौकरियों को छोड़ा; 7 बार पास किया यूजीसी नेट एग्जाम, जानिए आचार्य रूपेश झा की कहानी
- Maha Kumbh 2025: आचार्य रूपेश कुमार झा की कहानी बहुत दिलचस्प है, उन्होंने 7 बार यूजीसी नेट परीक्षा को पास किया है और 3 बार सरकारी नौकरी को ठुकराया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्यों अपने करियर को छोड़कर आध्यात्म के मार्ग को चुना।
Maha Kumbh 2025 Acharya Rupesh jha: प्रयागराज में, इस समय महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन हो रहा है, यह दुनियाभर के करोड़ो भक्तों और आध्यात्मिक साधकों को एक साथ लाया है। महाकुंभ में देशभर से बहुत सारे साधु संत पहुंच रहे हैं, उन्हीं में से एक हैं आचार्य रूपेश कुमार झा। आचार्य रूपेश कुमार झा की कहानी बहुत दिलचस्प है, उन्होंने 7 बार यूजीसी नेट परीक्षा को पास किया है और 3 बार सरकारी नौकरी को ठुकराया है। आइए जानते हैं उन्होंने क्यों अपने करियर को छोड़कर आध्यात्म के मार्ग को चुना।
3 सरकारी नौकरी छोड़ी, 7 बार पास किया UGC NET-
आचार्य रूपेश कुमार झा मूल रूप से बिहार के मिथिला के रहने वाले हैं और वर्तमान में मधुबनी जिले में लक्ष्मीपति गुरुकुल में शिक्षा प्रदान करते हैं। उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ीमल कॉलेज से पूरी की है। इसके बाद उन्होंने ब्रह्मचर्य आश्रम से पढ़ाई की। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आचार्य रूपेश झा ने तीन बार सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका मिला, लेकिन उन्होंने तीनों बार यह अवसर छोड़ दिया। आचार्य रूपेश झा बहुत ही पढ़ें-लिखे हैं, उन्होंने 7 बार यूजीसी नेट परीक्षा को पास किया है। इसके अलावा उन्होंने दो बार नेट जेआरएफ (NET JRF) के लिए भी क्वालिफाई किया है।
108 गुरुकुल को खोलने का लक्ष्य-
वर्तमान में, वे मधुबनी जिले के सरस उपाही गांव में लक्ष्मीपति गुरुकुल में लगभग 125 शिष्यों को संस्कृत पढ़ाते हैं। उनका लक्ष्य बिहार में 108 गुरुकुल को खोलने और सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का है। उन्होंने बताया कि अब कई सारे बच्चों ने इंग्लिश मीडियम के स्कूलों को छोड़कर, गुरुकुल में प्रवेश लिया है। आचार्य रूपेश कुमार झा, इस साल प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 में अपने शिष्यों के साथ स्नान करने पहुंचे हैं।
144 वर्षों के बाद आता है महाकुंभ-
महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी 2025 से 26 फरवरी 2025 तक किया जाएगा। महाकुंभ का आयोजन 144 वर्षों के बाद किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कुंभ मेले के दौरान देवी देवता पृथ्वी पर आकर अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। कुंभ मेले का आयोजन हर चार साल के बाद हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में किया जाता है।
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