फरवरी में सुस्त पड़ी कोर सेक्टर की रफ्तार, सरकारी खजाने पर आई अच्छी खबर
- बीते फरवरी महीने में कोर सेक्टर के आंकड़े सुस्त रहे। वहीं, केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक संशोधित लक्ष्य का 86.5 प्रतिशत या 15 लाख करोड़ रुपये रहा है।
बीते फरवरी महीने में कोर सेक्टर के आंकड़े सुस्त रहे। फर्टिलाइजर जैसे सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से आठ कोर सेक्टर की वृद्धि दर फरवरी में सालाना आधार पर कुछ सुस्त पड़कर 6.7 प्रतिशत रही। हालांकि, कोर इंडस्ट्री की वृद्धि दर इस साल जनवरी के मुकाबले अधिक है।
क्या कहते हैं आंकड़े
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक आठ प्रमुख क्षेत्र-कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और पावर की वृद्धि दर जनवरी में 4.1 प्रतिशत थी। बीते वर्ष फरवरी में यह 7.4 प्रतिशत थी। कुल मिलाकर इन क्षेत्रों की उत्पादन वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी में घटकर 7.7 प्रतिशत रही, जो बीते वित्त वर्ष 2022-23 में अप्रैल-फरवरी में 8.2 प्रतिशत थी। फर्टिलाइजर उत्पादन में वृद्धि में गिरावट आई है। देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में आठ प्रमुख क्षेत्रों का योगदान 40.27 प्रतिशत है।
राजकोषीय घाटा 15 लाख करोड़ रुपये
केंद्र सरकार का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष (2023-24) में फरवरी के अंत तक संशोधित लक्ष्य का 86.5 प्रतिशत या 15 लाख करोड़ रुपये रहा है। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में राजकोषीय घाटा यानी व्यय और राजस्व का अंतर बजट 2022-23 के संशोधित अनुमान (आरई) का 82.8 प्रतिशत रहा था। चालू वित्त वर्ष (2023-24) में राजकोषीय घाटा 17.35 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
क्या कहते हैं आंकड़े
कैग आंकड़ों के अनुसार फरवरी, 2024 तक सरकार की कुल प्राप्तियां 22.45 लाख करोड़ रुपये रही हैं। यह 2023-24 के संशोधित अनुमान का 81.5 प्रतिशत है। केंद्र द्वारा किया गया कुल व्यय 37.47 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान का 83.4 प्रतिशत है।
बजट 2024 जानेंHindi News , Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।