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10000 रुपये पेंशन की गारंटी, केंद्रीय कर्मचारियों की इस स्कीम के फीचर जान लीजिए

फैमिली पेंशन की भी सुविधा है। कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत फैमिली को दिया जाता है। स्कीम के तहत ग्रेच्युटी के अतिरिक्त सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है।

Deepak Kumar लाइव हिन्दुस्तानSat, 17 May 2025 06:15 PM
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10000 रुपये पेंशन की गारंटी, केंद्रीय कर्मचारियों की इस स्कीम के फीचर जान लीजिए

अगर आप केंद्रीय कर्मचारी हैं तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, केंद्र सरकार ने बीते एक अप्रैल 2025 से एक नई स्कीम की शुरुआत की थी। इस स्कीम के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को न्यूनतम 10 हजार रुपये पेंशन की भी सुविधा मिलती है। आइए स्कीम के बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

स्कीम के बारे में

इस योजना के तहत सेवानिवृत्ति से पहले के 12 महीनों में मिले औसत मूल वेतन की 50 प्रतिशत राशि को सुनिश्चित पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है। 25 वर्ष की न्यूनतम अर्हक सेवा के लिए सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम 12 महीनों में प्राप्त औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन मिलता है। यह वेतन न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा अवधि के लिए आनुपातिक होगा। फैमिली पेंशन की भी सुविधा है। कर्मचारी की मृत्यु से ठीक पहले उसकी पेंशन का 60 प्रतिशत फैमिली को दिया जाता है। स्कीम के तहत ग्रेच्युटी के अतिरिक्त सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है।

किन कर्मचारियों के लिए..

ये नियम एक अप्रैल, 2025 तक सेवा में मौजूदा केंद्र सरकार के एनपीएस में आने वाले कर्मचारी और केंद्र सरकार की सेवाओं में अप्रैल, 2025 को या उसके बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों समेत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के नामांकन को सक्षम करते हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की इन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म एक अप्रैल, 2025 से प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध हैं। कर्मचारियों के पास फॉर्म को फिजिकल रूप से जमा करने का विकल्प भी है। कर्मचारी को सेवा से हटाए जाने या बर्खास्त किए जाने या इस्तीफे के मामले में यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।

ओपीएस और यूपीएस का अंतर

बता दें कि जनवरी, 2004 से पहले प्रभावी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कर्मचारियों को उनके कार्यकाल के अंतिम मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था। ओपीएस के उलट यूपीएस अंशदायी प्रकृति की है। इसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा।

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