बिहार के इस टाइगर रिजर्व में दिखा दुर्लभ 'भेड़िया' सांप, ट्वीन स्पॉटेड वोल्फ स्नेक की क्या है खासियत
- वर्ष 2017 में नेचर इनवायरमेंट वेलफेयर सोसाइटी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक कुमार ने भेड़िया सांप को देखा था। तब इसे रिकॉर्ड किया गया था। अब वनकर्मियों की टीम ने लोगों की सूचना पर विजयपुर में एक घर से सांप को पकड़ा है। इसे रेस्क्यू कर वीटीआर के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है।

बिहार में बाघ व जैव विविधता के लिए मशहूर पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व में सांप की एक और दुर्लभ प्रजाति देखी गई है। ट्वीन स्पॉटेड वोल्फ स्नेक (भेड़िया सांप) वीटीआर के विजयपुर गांव के एक घर में 10 अप्रैल को देखा गया है। 55 सेंटीमीटर का यह विषहीन सांप अपनी सुंदरता से दिखने में आकर्षक लगता है। यह सिर्फ एशियाई देशों म्यांमार, वियतनाम, भारत समेत हिमालय की तराई वाले क्षेत्रों में पाया जाता है। भारत में यह पश्चिम बंगाल, ओडिसा, यूपी और बिहार के सिर्फ वीटीआर में पाया जाता है। इससे पूर्व यह 2017 में देखा गया था।
इतना दुर्लभ कि आम लोगों को शायद ही दिखे
वर्ष 2017 में नेचर इनवायरमेंट वेलफेयर सोसाइटी के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक कुमार ने भेड़िया सांप को देखा था। तब इसे रिकॉर्ड किया गया था। अब वनकर्मियों की टीम ने लोगों की सूचना पर विजयपुर में एक घर से सांप को पकड़ा है। इसे रेस्क्यू कर वीटीआर के जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है। प्रोजेक्ट मैनेजर का कहना है कि यह सांप आमलोगों को शायद ही दिखे। इसकी पहचान दो खास बिंदुओं से होती है। पहला इसकी सुंदरता, जो इसे दिखने में खतरनाक बनाती है।
दूसरा इसके शरीर पर भेड़िया की तरह धारी होते हैं। वीटीआर में 45 से अधिक प्रजातियों के सांप पाये जाते हैं। इसमें कुछ अत्यधिक विषैले सांप जैसे, कोबरा, करैत, रसेल वाइपर, पिट वाइपर आदि शामिल हैं। वहीं गैर विषैले सांपों मे सैंड बोआ और लंबी नाक वाला सांपों की प्रजाति वीटीआर में मौजूद हैं।
नेचर एनवायरमेंट वेलफेयर सोसाइटी के प्रोजेक्ट मैनेजर, अभिषेक कुमार ने बताया कि ट्वीन स्पॉटेडवुल्फ स्नेक दुर्लभ सांप है। इसे मैंने पहली बार 2017 में देखा था। यह जहरीला नहीं होता है। बिहार में सिर्फ वीटीआर में पाया जाता है। अब दोबारा इसे देखा गया है।