खाद्यान्न आपूर्ति में निचले पायदान से उपर नहीं उठ पा रहा सीवान
सीवान में इस साल नीचले पायदान पर सीएमआर आपूर्ति की स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। एक महीने की देरी से सीएमआर आपूर्ति शुरू हुई है। जिलाधिकारी की बैठक के बावजूद, चावल की आपूर्ति में कोई खास प्रगति...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। राज्य स्तर पर इस साल नीचले पायदान पर सीएमआर आपूर्ति में सीवान की स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है। इसका मुख्य कारण जिले में करीब एक महीने देर से सीएमआर आपूर्ति का कार्य शुरू होना बताया जा रहा है। हालांकि, नीचे से उपर जिले को लाने के लिए लगातार राज्य व जिला स्तर से समीक्षा की जा रही है। लेकिन इसका असर नहीं पड़ता दिख रहा है। करीब एक सप्ताह पहले भी जिला पूरे राज्य में 38 वें नंबर पर था। वहीं एक सप्ताह बाद भी स्थिति जस की तस दिख रही है। गौर करने वाली बात है कि खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2024-25 धान अधिप्राप्ति के दौरान पैक्स व व्यापार मंडलों द्वारा धान की खरीदारी 15 फरवरी को ही समाप्त हो गई। इसके बाद से खरीदे गए धान को टैग किए गए मिलों से कुटाई करा आपूर्ति का कार्य चल रहा है। इसके लिए भी विभाग की ओर से समय सीमा निर्धारित है। इसके अंदर धान की खरीदारी करने वाले पैक्स व व्यापार मंडल को चावल की अपूर्ति हर हाल में कर देनी होगी। अन्यथा समितियों के साथ-साथ संबंधित प्रखंड के बीसीओ इसके लिए जिम्मेवार होंगे। सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा टीम गठित किए जाने के बाद भी स्थिति नहीं सुधरी जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में नौ अप्रैल को जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई थी। इसमें जिलाधिकारी ने चावल आपूर्ति में जिले राज्य में निचले पायदान पर देख नाराजगी व्यक्त थी। इसके बाद से आनन-फानन में सीएमआर को जल्द से जल्द राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति करने की कार्रवाई जिला सहकारिता विभाग और सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने शुरू की। इसमें प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक एवं मुख्यालय के वरीय अधिकारियों की टीम गठित की। साथ ही इन्हें चावल आपूर्ति में कोताही बरतने वाली समितियों एवं मिलों से संपर्क कर हर हाल में समय सीमा के अंदर चावल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया। बावजूद इसके एक सप्ताह में कोई खास असर नहीं दिख रहा है। करीब 1400 लॉट चावल की अपूर्ति अभी भी शेष जिले में खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2024-25 में 97337.428 एमटी यानी 2248 लॉट धान की खरीदारी हुई थी। अब इसके 65216.076 एमटी यानी 2248 लॉट सीएमआर राज्य खाद्य निगम के केन्दों पर समितियों को आपूर्ति करना है। लेकिन रफ्तार बढ़ नहीं रही है। अभी भी करीब 1400 लॉट सीएमआर की आपूर्ति अभी भी किया जाना है। अभी तो सीएमआर आपूर्ति का जो आंकड़ा है, वह 50 प्रतिशत से भी उपर नहीं जा सका। इससे समितियों पर बैंक के ब्याज का जहां बोझ बढ़ रहा है। वहीं बैंक को ऋण की राशि समय से नहीं लौटने की चिंता सताने लगी है।
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