हिन्दी की कांतिक्रारी कविता आंदोलन को बनाया सफल: सोनल
नेपाल की संपर्क भाषा हिन्दी हैं। यह भाषा नेपाली को एक सूत्र में जोड़ती हैं। ये बातें विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर भारतीय महावाणिज्य महादूतावास वीरगंज द्वारा आयोजित हिन्दी कवि सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि...
नेपाल की संपर्क भाषा हिन्दी हैं। यह भाषा नेपाली को एक सूत्र में जोड़ती हैं। ये बातें विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर भारतीय महावाणिज्य महादूतावास वीरगंज द्वारा आयोजित हिन्दी कवि सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि प्रदेश दो भौतिक पूर्वाधार मंत्री जीतेन्द्र सोनल ने कही। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा, क्रांति भाषा है। हिन्दी के क्रांतिकारी कविता भारत के स्वाधीनता संग्राम, नेपाल के प्रजातंत्र आंदोलन को हवा दी। वहीं, मधेश आंदोलन को वीर रस की कविता सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज मधेश की हमारी बुजुर्ग माताएं हिन्दी बोल लेती है, लेकिन नेपाली नहीं बोल पाती हंै। दुर्भाग्य की बात है कि इन दिनों नेपाल के खास शासक हिन्दी के बारे दुष्प्रचार कर रहे है। पहाड़ी लोगों को हिन्दी फिल्म, दूरदर्शन के धारावाहिक पसंद है, लेकिन हिन्दी बोलने वालों से नफरत हैं। भारतीय महावाणिज्य महादूतावास के कार्यवाहक वाणिज्य महादूत रमेश प्रसाद चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश को पढ़ा। उन्होंने कहा कि विश्व की चौथी सबसे अधिक बोले जाने वाली हिन्दी भाषा है। भारत की राष्ट्र भाषा हिन्दी 60 करोड़ लोग बोलते है। 36 करोड़ लोगों की मातृभाषा हिन्दी ही हैं। कवि सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन प्रदेश दो के मुख्यमंत्री मो. लालबाबू राउत गद्दी व भारतीय वाणिज्य महादूतावास के कार्यवाहक वाणिज्य महादूत ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर भौतिक पूर्वाधार राज्य मंत्री डिम्पल झा, प्रदेश दो के सांसद रामाशीष यादव, जन्नत अंसारी, पूर्व मेयर बजरंग शाह, वाणिज्य दूत विनोद लोसरी, वी. रमेश कुमार, बैद्यनाथ साह, राजपा नेपाल के नेता राजीव झा भी थे।
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