23 लाख बिजली बिल हुआ 65 हजार
सीतामढ़ी के संतोष मंडल को विद्युत विभाग से ₹22.96 लाख का बिल मिला, जो उनके लिए अत्यधिक था। विभाग से संपर्क करने पर कोई समाधान नहीं मिला। अंत में, उन्होंने लोक शिकायत निवारण में शिकायत दर्ज कराई,...

सीतामढ़ी। बिजली विभाग के चक्कर काटने के बाद लोक शिकायत निवारण में शिकायत की। लोकशिकायत निवारण में सुनवाई के बाद फरियादी को बड़ी राहत मिली। उसका 22.96 लाख रुपया का बिल घटकर मात्र 65 हजार रुपया हो गया। भवदेपुर गोट, वार्ड 1 निवासी संतोष मंडल ने बताया कि विद्युत विभाग से 22 लाख 96 हजार 983 रुपये का भारी-भरकम विद्युत विपत्र प्राप्त हुआ। तो वह बेहद परेशान हो उठे। यह बिल उनके लिए बिल्कुल अप्रत्याशित और असंभव था। उन्होंने कई बार विभाग से संपर्क कर इस बिल में सुधार करवाने का प्रयास किया, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। थक-हारकर लोक शिकायत निवारण कार्यालय, सीतामढ़ी सदर की शरण ली।
त्रुटिपूर्ण विपत्र के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मामले की सुनवाई लोक शिकायत निवारण प्राधिकारी अमूल्य रत्न द्वारा की गई। संबंधित विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल, सीतामढ़ी के सहायक अभियंता को नोटिस भेजा गया और अभिलेखों की गहन जांच की गई। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि वास्तव में विपत्र त्रुटिपूर्ण था। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के आदेश के आलोक में विद्युत विभाग ने अपने पुराने आदेश को रद्द करते हुए नया बिल महज 65,321 रुपये का जारी किया। फैसले से संतोष मंडल को बड़ी राहत मिली। न सिर्फ आर्थिक संकट से मुक्ति पाई, बल्कि न्याय व्यवस्था और शासन पर उनका भरोसा और मजबूत हुआ। लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अमूल्य रत्न ने बताया कि यह अधिनियम आम जनता की समस्याओं का त्वरित, पारदर्शी और नियमानुसार समाधान सुनिश्चित करता है। इस व्यवस्था का लाभ लेकर आम लोग अपनी जायज़ शिकायतों का हल पा सकते हैं।
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