Traffic Woes in Samastipur Rising Accidents and Chaos नाबालिग चला रहे ऑटो, ई-रिक्शा शहर में जाम से निजात की हो पहल, Samastipur Hindi News - Hindustan
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नाबालिग चला रहे ऑटो, ई-रिक्शा शहर में जाम से निजात की हो पहल

समस्तीपुर में यातायात व्यवस्था की स्थिति बेहद खराब है। रोजाना के जाम और नाबालिग चालकों के कारण सड़क दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। लोगों का कहना है कि ओवरब्रिज और सख्ती से नियमों का पालन करने से कुछ राहत मिल...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरSat, 17 May 2025 09:48 PM
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नाबालिग चला रहे ऑटो, ई-रिक्शा शहर में जाम से निजात की हो पहल

समस्तीपुर। लाइलाज यातायात व्यवस्था की बदहाली से शहरवासी परेशान हैं। रोज-रोज के जाम से लोग अजीज आ चुके हैं। गर्मी में घंटों मुख्य सड़कों पर वाहन चालक फंसे रहते हैं। दूसरी ओर शहर में नाबालिग चालक ऑटो से लेकर ई-रिक्शा चला रहे हैं। इससे हादसों की संख्या भी बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि भोला टॉकिज के अलावा शहर के दो से तीन जगहों पर ओवरब्रिज बने तो कुछ हद तक राहत मिल सकती है। वहीं जिला प्रशासन को सड़कों पर सख्ती के साथ अतिक्रमण हटाना होगा। गलत साइड चलने वाले लोगों से भी सख्ती से निपटने की जरूरत है।

सड़कों की स्थिति में सुधार के साथ हादसे में वृद्धि ने सबकी चिंता बढ़ाई है। पिछले साल के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में सड़क हादसे के करीब साढ़े चार सौ केस दर्ज हुए, जिसमें दो सौ से ज्यादा जाने गई और डेढ़ सौ लोग गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल पहुंचे। इस साल में जनवरी से अब तक सौ से अधिक सड़क हादसे के मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है। सड़क हादसे ये आंकड़ बता रहे हैं कि सड़क सुरक्षा के प्रति जिलेवासी कितने बेपरवाह हैं। साथ ही ट्रैफिक नियमों का अनुपालन करवाने में प्रवर्तन एजेंसियों की उदासीनता का भी यह प्रतीक है। जिला मुख्यालय में ट्रैफिक नियमों के अनुपालन के लिए चौक- चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस के साथ वाहनों की जांच करते पुलिस दिख भी जाती है, परंतु ग्रामीण इलाके में ऐसी तस्वीर यदा-कदा ही नजर आती है। जिससे ट्रैफिक नियमों को ताख पर रख वाहनों की सरपट दौड़ सड़कों पर लग रही है। इससे सड़क दुर्घटनाओं में इजाफा हो रहा है और इसकी चीत्कार घरों से सुनाई पड़ रही है। हिन्दुस्तान के साथ बात में राहगीरों ने रोज आती मुश्किलों से अवगत कराया। साथ ही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए ट्रैफिक नियमों को सख्ती से लागू करने पर बल दिया। मुकेश कुमार ने कहा कि सड़कों को दुरूस्त करने के साथ दुर्घटनाओं से बचने के कारगर उपाय जरूरी हैं। प्राय: यह नजारा आम होता है कि सीमित दूरी के लिए प्रयोग में लाई जाने वाले टोटो और ऑटो पब्लिक ट्रांसपोर्ट के बड़े वाहनों की तरह यात्रियो को खचाखच भर कर दूर तक का सफर करती है। इसपर लगाम लगाने के लिए रूटों पर बसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। इससे सुरक्षित एवं अपेक्षाकृत सस्ती यात्रा संभव हो सकेगी। सरोज कुमार ने कहा कि शहर में ही सड़क पर अतिक्रमण के कारण आयेदिन दुर्घटना हो रही है। शहर में प्रवेश के दौरान ही अतिक्रमण का नजारा दिखने लगता है। प्रशासन की ओर से अभियान चलाने की खानापूर्ति कर कार्यो का इतिश्री कर लिया जाता है। एक तरफ प्रशासन अतिक्रण हटाते रहता है तो दूसरी तरफ पीछे से अतिक्रमण फिर शुरू हो जाता है। इसका नतीजा है कि लोग जल्दी निकलने के चक्कर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। संदीप कुमार सुमन का कहना था कि सड़कों पर नाबालिग और बिना लाइसेंस के चालक वाहन चला रहे हैं, जो हादसे का एक प्रमुख कारण है। साथ ही लोगों में जागरूकता का अभाव है, जिससे आए दिन हो रही दुर्घटनाओं के बाद भी लोग सजग नहीं हो पा रहे हैं। खासकर शहरी क्षेत्र में फाइन काटने के दौरान कुछ चूक पर भी लोगों का फोकस था। उनका कहना था कि कभी-कभी गलत चालान कट जा रहे हैं। जिससे वाहन मालिकों की परेशानी बढ़ती है। शहर के भोला टॉकीज पर आए दिन लगने वाले जाम से निजात के लिए ओवर ब्रीज की जरूरत है। साथ ही किराये में मनमानी की भी लोगों की शिकायत रही। महानगरों की तरह शहर के विभिन्न मार्गों पर सिटी बस के परिचालन की लोगों ने अपेक्षा जतायी। वर्षों से शहरवासी स्थायी ऑटो स्टैंड व फुटपाथी दुकानदारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन आज तक न तो स्थानीय प्रशासन और न ही किसी प्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान दिया है।

-बोले जिम्मेदार-

ट्रैफिक नियमों का पालन कराया जा रहा है। जो नियम को नहीं मानते है उनका चालान भी काटा जाता है। परिवहन विभाग के साथ मिलकर लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जाता है। सड़क दुर्घटना पर रोक लगाने को लेकर ब्लैक स्पॉट चिह्नित करने का काम किया जा रहा है। युवाओं में जागरूकता को लेकर अभियान भी चलाया जाएगा।

-सुनिल कांत, ट्रैफिक इंस्पेक्टर

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