अनदेखी : मिट्टी के ढेर और जंगल में तब्दील हुई निर्माणाधीन नहर
ताजपुर में निर्माणाधीन नहर का काम लगभग दो साल से बंद है, जिससे क्षेत्र में घास और झाड़ियां उग गई हैं। स्थानीय लोग शाम को नहर के रास्ते चलने में डरते हैं। इस नहर के निर्माण से हजारों किसानों को लाभ...
ताजपुर। ताजपुर में निर्माणाधीन नहर का हाल बदहाल बना है। लगभग दो साल से इसपर काम बंद है। जिस कारण फतेहपुर गांव में जमुआरी नदी किनारे स्थित निर्माणाधीन नहर के मिट्टी के टीले पर बड़े-बड़े घास एवं झाड़ियां उग आयी हैं। जिससे यह स्थान चोर उचक्कों की छिपने की जगह बन गया है। स्थानीय लोगों व राहगीरों को शाम ढलने के बाद नहर के रास्ते चलने में भी डर लगने लगा है। निर्माणाधीन नहर का हाल यह है कि कहीं मिट्टी ढहकर समतल हो रही है तो कहीं टूटकर बेकार हो रही है। निर्माणाधीन नहर के बगल से होकर ही एनएच-28 मोतीपुर सब्जी मंडी से मोरवा जानेवाली सड़क गुजरती है।
सड़क एवं नहर के समीप स्थित ठूठा बड़ चौक फतेहपुर के सुबोध चौधरी, सुरेंद्र चौधरी, रमेश ठाकुर, चंदेश्वर सिंह, रघुवंश पंडित, नरेश ठाकुर आदि दुकानदार बताते हैं कि बरसात के दिनों में नहर से मिट्टी बहकर सड़क पर आ गई है जो धूल बनकर निरंतर उड़ती रहती है। लोगों को काफी परेशानी होती है। बरसात में कीचड़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है। नहर में काम बंद है। आधे अधूरे बने होने के कारण टूट फूटकर बर्बाद हो रहा है। कोई सुधि लेनेवाला नहीं है। पांच दशक पूर्व बनी थी परियोजना कई जिले में बेहतर सिंचाई व्यवस्था के लिए पांच दशक पूर्व तिरहुत नहर परियोजना की स्वीकृति मिली थी। इसके लिए पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर बराज से दलसिंहसराय तक नहर निर्माण के लिए वर्ष 1974 में भू-अर्जन विभाग के द्वारा जमीन का अधिग्रहण किया गया था। अपरिहार्य कारणों से वर्षों तक इसपर काम नहीं हो सका। नहर निर्माण से किसानों को होगा फायदा : बताया जाता है कि सिंचाई विभाग मुजफ्फरपुर की निगरानी में बिहार सरकार के हर खेत को पानी निश्चय योजना के तहत बाल्मीकिनगर बराज से दलसिंहसराय तक तिरहुत मुख्य नहर नामक इस नए नहर का निर्माण कराया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक यह नहर ताजपुर नगर परिषद के भेरोखड़ा, मोतीपुर के अलावे प्रखंड के शाहपुर बघौनी एवं फतेहपुरबाला पंचायत से होकर गुजरता है। इससे क्षेत्र के लगभग 10 हजार के करीब किसान लाभान्वित हो सकेंगे। नहर बन जाने से इलाके के किसानों की बारिश अथवा निजी बोरिंग पर से निर्भरता खत्म हो सकेगी। इससे यहां के किसान सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाने से खेती में बदलाव कर अधिक सब्जियों की खेती कर सकेंगे। कर उसका लाभ प्राप्त कर सकेंगे। महंगे पटवन से भी निजात मिलेगा। नहर से होकर नया रास्ता खुल जाने से यातायात की सुविधा होगी। साथ ही छोटे-मंझोले वाहन चालकों को नए रास्ते से होकर रोजी रोजगार के अवसर मिलेंगे। जिले के चार प्रखंडों को मिलेगा लाभ नहर बन जाने से क्षेत्र के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा। जानकारों की माने तो नहर बन जाने पर उसमें जल प्रवाह शुरू किए जाने से मुजफ्फरपुर जिले के दुबहा आदि क्षेत्र के किसानों के अलावे समस्तीपुर जिले के पूसा, ताजपुर, मोरवा एवं सरायरंजन प्रखंड के बड़े भूभाग को इसका लाभ मिल सकेगा। इससे क्षेत्र के किसानों में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। उनकी हालत सुधरेगी। इस बाबत पूछे जाने पर ताजपुर बीडीओ गौरव कुमार ने बताया कि ताजपुर में नहर निर्माण के बारे में जानकारी मिली है। विभाग एवं निर्माण एजेंसी से सम्पर्क कर वस्तुस्थिति के बारे में पता किया जाएगा।
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