भीषण गर्मी में दिन-रात अघोषित बिजली कटौती से बढ़ी मुसीबत
गर्मी की वजह से लोग परेशान हैं। बिजली की मांग में तेजी आई है, लेकिन अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में भारी कमी आ गई है, जिससे...
प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल होने लगे हैं। घर से लेकर कार्यालय, मॉल व बड़े बड़े प्रतिष्ठानों में एसी, बड़े कूलर, पखा चलाकर लोग गर्मी से बचाव करते दिख रहे हैं। तापमान बढ़ने के साथ ही बिजली की मांग भी करीब डेढ़ गुना बढ़ गई है। ऐसे में दिन व रात में हो रही अघोषित बिजली कटौती लोगों के जी का जंजाल बनने लगी है। आमतौर पर मई जून, जुलाई अगस्त में बिजली की मांग अधिक हो जाती है। शहर से लेकर कस्बा व ग्रामीण क्षेत्र में दिन हो रात बिजली की आवाजाही मुसीबत बनी हुई है। रात में बिजली आपूर्ति के समय में भी बार बार बिजली की आंख मिचौली लगी रहती है।
भीषण गर्मी में लोग बाहर निकलने के बजाय घरों में रहना पसंद करते हैं, क्योंकि बाहर लोगों को गर्मी, तेज धूप व धूलभरी हवाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन घर में रहने के दौरान बिजली न मिलने से भी समस्याएं होती है। हल्की हवा चलने पर कई घंटे बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। बोले अभियान के तहत शहरवासियों ने अपनी समस्याओं को रखा। मुकेश कुमार ने कहा कि शहर में दिन में दो से तीन घंटे बिजली कटौती की जाती है। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में रोजाना पांच से छह घंटे बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। बिजली कटौती होने से लोग काफी परेशान है। अरुण प्रसाद का कहना था कि गर्मी आते ही बिजली विभाग की मनमानी भी शुरू हो गई है। बिजली कटौती बड़ी समस्या बढ़ती जा रही है। गर्मी के महीनों में बिजली खपत अधिक बढ़ जाती है। बिजली का अधिक उपयोग करने पर बिजली का बिल भी अधिक आता है। जबकि इस पर रोक लागने की आवश्यकता है। संदेश कुमार ने कहा कि गर्मी के मौसम में आंधी पानी के कारण बिजली कटौती की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। पिछले सप्ताह आई तेज आंधी व हुई बारिश ने जमकर तबाही मचाई थी। आंधी के कारण बिजली के खम्भे टूटकर गिर गए। खम्भों पर लगे ट्रांसफार्मर भी नीचे आ गिरे। पेड़ गिरने से बिजली के तार कई स्थानों पर टूट गए। नतीजा कई दिनों तक लोगों को बिजली समस्या का सामना करना पड़ा। मनोज सिन्हा ने कहा कि विभाग की ओर से वगैर अवरोध बिजली आपूर्ति की बात कही जाती है। हर माह ढ़ाइ हजार से तीन हजार का बिल चुकता करना पड़ता है। लेकिन गर्मी के दिनों में बिजली की समस्या का समाधान हर बार करना पड़ता है। स्थिति यह है कि गर्मी के दिनों में मेनटेनेंस के नाम पर कभी कभी सुबह के नौ बजे से दोपहर के तीन बजे तक बिजली आपूर्ति रोक दी जाती है। इस कारण से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विभागीय पदाधिकारी ऐसे समस्या के निदान को लेकर भी कोई ठोस कदम नहीं उठाते है। कहीं तार तो कहीं खम्भों की कमी के चलते विद्युत आपूर्ति बहाल होने में समय लग रहा है। लोगों का कहना है कि विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त होने, फीडरों पर तकनीकी समस्या या फॉल्ट आने पर कर्मचारियों की कमी भारी पड़ रही है। जिले का बढ़ता तापमान जहां लोगों को झुलसा रहा है तो वहीं लो-वोल्टेज और बिजली कटौती लोगों को खूब रुला रही है। भीषण गर्मी में लोग घरों में दुबकने को मजबूर हैं ऐसे में बार बार बिजली की आवाजाही लोगों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। कुछ इलाकों में 18 घंटे रोस्टर के सापेक्ष महज सात से आठ घंटे ही बिजली मिल रही है।
-बोले जिम्मेदार-
पावर लोड के कारण केबल जल जा रहा है, जिस कारण बीच-बीच में बिजली ट्रिप कर जाती है। कल ही ई-हाउस में कर्मियों के साथ बैठक कर सभी क्षेत्रों में लगे ट्रांसफार्मर की जांच और जहां जहां मरम्मत करने की जरुरत है उसका निर्देश दिया गया है।
-अबू खालिद, बिजली एसडीओ ग्रामीण सह शहरी का अतिरिक्त प्रभारी, समस्तीपुर
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