'रघुपति राघव राजा राम' से दिन का आगाज, प्रशांत किशोर चौथे दिन भी आमरण अनशन पर; BPSC पर घमासान
- रविवार को सुबह की शुरुआत महात्मा गांधी के भजन रघुपति राघव राजा राम से हुई। पटना में शीतलहर का प्रकोप अपने चरम पर है। यहां तक की बिहार में कोल्ड डे का अलर्ट भी घोषित कर दिया गया है। इसके बावजूद खुले आसमान के नीचे प्रशांत किशोर का अनशन जारी है।
बिहार की राजधानी पटना में एक तरफ BPSC के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन जारी है तो दूसरी तरफ पटना के ही गांधी मूर्ति के नीचे प्रशांत किशोर भी अभ्यर्थियों के मुद्दे पर आरण अनशन पर जमे हुए हैं। बिहार में ठिठुरन बढ़ गई है और रात में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इसके बावजूद प्रशांत किशोर गांधी मूर्ति के नीचे जमे हुए हैं। प्रशांत किशोर का आमरण अनशन चौथे दिन भी जारी है। इतनी ठंड के बावजूद वहां जनसमर्थन जुटा हुआ है। रविवार को सुबह की शुरुआत महात्मा गांधी के भजन 'रघुपति राघव राजा राम' से हुई। पटना में शीतलहर का प्रकोप अपने चरम पर है। यहां तक की बिहार में "कोल्ड डे" का अलर्ट भी घोषित कर दिया गया है। इसके बावजूद खुले आसमान के नीचे प्रशांत किशोर का अनशन जारी है।
4 दिन में कैसे झुकेगी सरकार - पीके
अपने अनशन के चौथे दिन प्रशांत किशोर ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में नीतीश सरकार पर निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा, 'चार दिन में वो कैसे झुकेंगे। पिछले 20 साल से आदत लगी हुई है जनता की बात ना मानने की तो वो 4 दिन में कैसे झुकेंगे। सरकार की यह असंवेदनशीलता है, अहंकार है और कही ना कही उन्हें भ्रम की बिहार की जनता खड़ी नहीं होगी। चाहे उसके साथ जितना भी अन्याय हो जाए लेकिन जतना अपने और अपने बच्चों के लिए खड़ी नहीं होगी। जब चुनाव आएगा तो फिर जाति में बंट जाएंगे और धर्म के नाम पर वोट देंगे। इसलिए लोग जनता की चिंता नहीं कर रहे हैं।
हम सभी को खड़ा होना पड़ेगा - प्रशांत किशोर
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, 'कोई डर नहीं है, बस बैठे रहना है। चाहे जो करना पड़े। जब तक बिहार के लोग जगेंगे नहीं तब तक सुधार होगा नहीं। समझना होगा कि जनबल के आगे कोई नहीं है। जनबल तब होगा ना जब आप घर से बाहर निकलेंगे तथा अपने और अपने बच्चों के लिए खड़े होंगे। वरना 5 साल तक बैठ कर रोते रहिएगा। बच्चों को नौकरी नहीं मिलेगी और पढ़ाई नहीं होगा। भ्रष्टाचार होगा और आप उन्हीं नेताओं को जाति और धर्म के नाम पर तथा अनाज के नाम पर वोट देते रहिए और कभी बाहर नहीं निकलएगा। अगर बिहार में बदलाव चाहिए तो हम सभी को खड़ा होना पड़ेगा। इसलिए अपनी ओर से हम बैठे हुए हैं। जो जहां है उसको वहीं से खड़ा होना पड़ेगा।
बिहार के युवा आंदोलन पर हैं। वो सीएम नीतीश से मिलने के लिए समय मांग रहे हैं। उनके पास 5 मिनट का समय नहीं है कि वो पांच मिनट के लिए बच्चों से मिल लें तो फिर यात्रा किस लिए। गोपालंगज में ही बच्चों से मिल लेते। सरकारी खर्चे पर, जनता के पैसों से प्रायोजित अफसरों के साथ बैठ कर बढ़िया खाना-नाश्ता कर और मीडिया से बात कर के क्या फायदा? क्या गोपालगंज के किसी गांव में गए? क्या गोपालगंज के किसी युवा या किसी महिला से मिले? वो तो पुलिस-प्रशासन के लोग घेर कर ले जाती है चार लोग से बात किये और हो गई यात्रा। वो तो 25 बार यात्रा कर चुके हैं। हमलोग तो कह रहे हैं कि अगर यात्रा करनी है तो सुरक्षा हटा कर किसी गांव में एक घंटा बैठिए तब तो पता चलेगा कि जो अधिकारी लूट रहे हैं और जिनके खिलाफ जनता में गुस्सा है उन्हीं अधिकारियों के साथ यात्रा कर रहे हैं। जनता से कहां मिले हैं?