जाति जनगणना का क्रेडिट लेने की होड़; पटना में नीतीश, लालू और राहुल गांधी के पोस्टर लगे
पटना में जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस ने पोस्टर लगाकर केंद्र सरकार के जाति जनगणना कराने के फैसले का श्रेय अपने-अपने नेताओं (नीतीश, लालू-तेजस्वी, राहुल गांधी) को दिया है। इस मुद्दे पर बिहार का सियासी पारा गर्माया हुआ है।

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा देश भर में जाति जनगणना कराने के फैसले के बाद बिहार में इसका क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अलग-अलग पोस्टर लगाए गए हैं। सभी पार्टियों के कार्यकर्ता केंद्र सरकार के जाति जनगणना के फैसले का श्रेय अपने-अपने नेताओ को दे रहे हैं।
पटना स्थित जेडीयू के प्रदेश कार्यालय के बाद गुरुवार को एक पोस्टर लगाया गया। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश में जाति जनगणना कराने के फैसले को लेकर आभार जताया गया। इस पोस्टर में लिखा गया है, “नीतीश ने दिखाया, अब देश ने अपनाया। पीएम मोदी का धन्यवाद, जातिगत गणना, बिहार से लेकर भारत तक।”
दूसरी ओर, विपक्षी दल आरजेडी और कांग्रेस ने भी अपने-अपने कार्यालयों के बाहर पोस्टर लगाए। इनमें जाति जनगणना कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डालने का श्रेय अपने नेताओं को दिया गया।
आरजेडी के एक पोस्टर में लिखा गया, ‘‘लोग झुकते हैं, उन्हें झुकाने वाला चाहिए। आखिरकार केंद्र सरकार ने लालू और तेजस्वी की बात मान ली। इसका श्रेय लालू और तेजस्वी को जाता है।’’
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रदेश कार्यालय के बाहर गुरुवार को राहुल गांधी की तस्वीर का दूध से अभिषेक किया। पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए एक पोस्टर में जाति जनगणना का श्रेय राहुल गांधी को दिया गया।
दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि आगामी जनगणना में जाति आधारित आंकड़े भी शामिल कराने का जो फैसला लिया गया है, उसका श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी को ही जाता है। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने आरजेडी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जब 1995-96 में जाति जनगणना का प्रस्ताव पास हुआ ता, तो उसे लागू क्यों नहीं किया गया। 10 साल तक लालू केंद्र की यूपीए सरकार में रहे, तब उन्होंने जातिगत जनगणना क्यों नहीं करवाई।