Hindi Newsबिहार न्यूज़Prashant Kishor announces Jan Suraaj will lift liquor ban in one hour claims Nitish JDU will not cross 20 seats

प्रशांत किशोर का बड़ा ऐलान- एक घंटे में शराबबंदी खत्म करेंगे; नीतीश की जेडीयू को 20 सीट नहीं आएगी

  • 2 अक्टूबर को राजनीतिक पार्टी बनाने जा रहे जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में 20 सीट तक नहीं आएगी। उन्होंने कहा है कि जन सुराज की सरकार बनी तो शराबबंदी एक घंटे में खत्म कर देंगे।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तानFri, 9 Aug 2024 12:47 AM
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पूरे बिहार की पदयात्रा के बाद गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर को अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके प्रशांत किशोर ने दावा किया है कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) 20 सीट नहीं पार कर पाएगी। चुनाव रणनीतिकार के तौर पर पीके के नाम से मशहूर रहे प्रशांत किशोर ने इसके साथ ही यह ऐलान भी किया है कि 2025 में अगर जन सुराज को सरकार बनाने का मौका मिलता है तो एक घंटे के अंदर शराबबंदी खत्म कर दी जाएगी। प्रशांत किशोर पिछले कुछ दिनों से कई समाचार संगठनों को लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि 2025 में उनकी पार्टी सबको चौंकाकर सरकार बनाएगी। अपने दावों के समर्थन में वो अलग-अलग पार्टियों और नेताओं की उन चुनावी जीत की तरफ इशारा करते हैं जो उनके प्रबंधन में लड़ा गया था और कहते हैं- दूसरे को जिता सकते हैं तो खुद क्यों नहीं जीतेंगे।

प्रशांत किशोर ने गुरुवार को लाइव सिटीज को इंटरव्यू में कहा कि नीतीश कुमार जिस तरफ भी रहें, उनकी जेडीयू को 20 सीट से ज्यादा नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही बिहार में तीसरा विकल्प खड़ा होगा, ये सारे समीकरण भले ना टूटें लेकिन चरमरा जाएंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश अगर 2025 में एनडीए का चेहरा बने रहते हैं तो जन सुराज के लिए इससे अच्छी बात कोई हो ही नहीं सकती। उन्होंने कहा कि नीतीश के खिलाफ ही सबसे ज्यादा सत्ता विरोधी लहर है। नीतीश अगर सीएम कैंडिडेट बने रहते हैं तो वो एनडीए की सबसे कमजोर कड़ी साबित होंगे। लोकसभा चुनाव के नतीजों का क्रेडिट नीतीश को देने से मना करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वोट सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी के पक्ष में और लालू यादव के खिलाफ पड़ा। 

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प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की जमीनी हकीकत है कि एक वर्ग ऐसा है जो किसी भी हालत में लालू यादव को वोट नहीं दे सकता है और दूसरा वर्ग ऐसा है जो कितना भी लालू से नाराज हो, वो भाजपा या एनडीए को वोट नहीं दे सकता। इसी का परिणाम लोकसभा चुनाव में दिखा। जैसे ही तीसरा विकल्प खड़ा हो जाए तो ये समीकरण पूरी तरीके से साफ हो ना हो, चरमरा जरूर जाएगा। रुपौली विधानसभा उप-चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट बीमा भारती की हार का जिक्र करते हुए पीके ने अपनी बात पर जोर दिया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार चाहें भाजपा के साथ लड़ें, महागठबंधन के साथ लड़ें या अकेले लड़ें, जेडीयू को 20 से अधिक सीट आना करीब-करीब असंभव है। एनडीए में 100 सीट लड़ेंगे, बहुत होगा तो 105 लड़ेंगे। पिछली बार 72 विधायक थे तो 110 सीट पर समझौता हुआ। आज 42 हैं तो 150 सीट तो नहीं मिलेगा। अब जीतनराम मांझी हैं, चिराग पासवान भी हैं। सीट तो 243 ही है। उन्होंने कहा कि जेडीयू 110 सीट से ज्यादा नहीं लड़ पाएगी और ऐसी परिस्थिति में अपने सिंबल पर जेडीयू के लिए 20 से ज्यादा सीट जीतना मुश्किल है।

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प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज को मौका मिला तो एक घंटा में शराबबंदी बंद कर देंगे। जन सुराज के पोस्टर पर महात्मा गांधी का फोटो लगाने वाले प्रशांत किशोर ने गांधी का ही हवाला देते हुए कहा कि नीतीश के लोगों ने गांधी के नाम पर भ्रम फैला रखा है। शराबबंदी का प्रयोग कई देश में हुआ लेकिन इससे फायदा नहीं हुआ, नुकसान हुआ। अगर गांधी जी ने कहीं कहा है कि सरकार को कानून बनाकर शराबबंदी करना चाहिए, वो वाक्य दिखा दीजिए तो वो नीतीश का चरण छूकर माफी मांग लेंगे। गांधी जी ने शराबबंदी को एक सामाजिक प्रयास के तौर पर देखा और कहा कि समाज को जगाइए कि शराब की क्या खराबी है जिससे खपत कम हो। पीके ने कहा कि ये वैसा है जैसे गांधी ने कहा था कि शाकाहार के फायदे हैं तो कल सरकार कानून बना दे कि मांसाहार वालों को जेल में डाल देंगे।

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शराबबंदी की नाकामी पर प्रशांत किशोर ने कहा कि शराबबंदी कहां लागू है। दवा का फायदा है लेकिन दवा खाएंगे तब फायदा होगा। शराब की दुकान बंद हो गई है लेकिन होम डिलीवरी चालू हो गई है। इस फैसले का असर ये हुआ कि बिहार जैसे गरीब राज्य को 20 हजार करोड़ रुपए का राजस्व का नुकसान हो गया। और ये पैसा भ्रष्ट पुलिस, अफसर और माफिया के पास जा रहा है। प्रशासन शराबबंदी के नाम पर पैसा कमाने में बिजी है। 6 लाख से ऊपर केस हुए और एक लाख से ऊपर जेल में हैं। महिला के नाम पर शराब बैन की बात की गई लेकिन पति-बेटा के फंसने से महिला ही सबसे ज्यादा परेशान है।

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