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पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की अपील पर HC लगातार सुनवाई को तैयार, रेप केस में काट रहे उम्रकैद

  • 6 फरवरी 2016 को जन्मदिन की पार्टी के नाम पर नाबालिग को बोलेरो गाड़ी से एक घर पर महिला अपीलार्थी लेकर गई। जहां उसे पीने के लिए शराब दिया गया।लेकिन उसने पीने से मना कर दिया। बाद में नाबालिग का कपड़ा उतार उसे बिस्तर पर धकेल दिया गया और मुंह में कपड़ा ठुस दिया गया था

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, विधि संवाददाता, पटनाWed, 22 Jan 2025 07:06 AM
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पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की अपील पर HC लगातार सुनवाई को तैयार, रेप केस में काट रहे उम्रकैद

नाबालिग से दुष्कर्म मामले के दोषी नवादा के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव सहित पांच अन्य की ओर से दायर आपराधिक अपील पर पटना हाई कोर्ट लगातार सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ मामले पर मंगलवार से सुनवाई शुरू कर दी। पोक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहे राजद के पूर्व विधायक राजवल्लभ यादव के साथ पांच अन्य दोषियों की अपील पर वृहद सुनवाई शुरू हो गई। कोर्ट ने राजवल्लभ यादव समेत सुलेखा देवी , राधा देवी , संदीप सुमन , टूसी देवी और छोटी देवी की अपीलों पर सुनवाई की।

निचली अदालत ने इस केस में राजवल्लभ यादव , सुलेखा देवी एवं राधा देवी को आजीवन कारावास की सजा दी थी। जबकि शेष तीन अपीलार्थी को 10 वर्षों की सजा दी हैं। आजीवन कारावास सजायाफ्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता सुरेन्द्र सिंह बहस कर रहे हैं।वही 10 साल की सजा पाए टूसी देवी की ओर से अधिवक्ता आरुणि सिंह बहस कर रहे हैं ।

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गौरतलब है कि 6 फरवरी 2016 को जन्मदिन की पार्टी के नाम पर नाबालिग को बोलेरो गाड़ी से गिरियक स्थित एक घर पर महिला अपीलार्थी लेकर गई। जहां उसे पीने के लिए शराब दिया गया।लेकिन उसने पीने से मना कर दिया। बाद में नाबालिग का कपड़ा उतार उसे बिस्तर पर धकेल दिया गया और मुंह में कपड़ा ठुस दिया गया था। शराब पिये एक व्यक्ति ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। बाद में उसे दूसरे कमरे में ले जाया गया और सुबह में नाबालिग को घर छोड़ दिया गया।नाबालिग ने अपने बयान में कहा कि जो महिला उसे लेकर गई थी उसे उसने दुष्कर्म करने वाले से तीस हजार रुपये लेते देखा था।

इस केस के ट्रायल के दौरान सरकार की ओर से बीस गवाहों ने अपनी गवाही दी। वही बचाव पक्ष की ओर से 15 गवाहों ने अपने बयान दर्ज कराए। इस केस में हाई कोर्ट ने विधायक को 30 सितम्बर 2016 को जमानत दी। राज्य सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने 24 नवम्बर 2016 को हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। निचली अदालत ने सभी को दोषी करार देते हुए सजा दी। जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई।

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