पुलिस के लिए देश का कानून अलग नहीं, DSP को अरेस्ट करें; पटना हाई कोर्ट का DGP को आदेश
कोर्ट ने कहा कि पुलिस के लिए देश का कानून अलग नहीं है। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार सुनिश्चित करने और इस दिशा में की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया। न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने राणा राहुल रंजन की आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया।

पटना हाई कोर्ट ने सासाराम में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से एक की हत्या और चार को जख्मी करने के मामले में पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं होने पर नाराजगी जताई है। मामले में कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कोर्ट ने आरोपित पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी का आदेश डीजीपी को दिया है।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस के लिए देश का कानून अलग नहीं है। कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार सुनिश्चित करने और इस दिशा में की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट पेश करने का आदेश भी दिया। न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने राणा राहुल रंजन की आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश दिया।
आवेदक की ओर से अधिवक्ता संजय सिंह ने कोर्ट को बताया कि घटना गत वर्ष 27 दिसम्बर की रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित टाउन थाना के समीप की है। सुधीर, अतुल, विकास, अनिकेत, विनोद और राणा ओम प्रकाश अपने दोस्त शिवम की बर्थडे पार्टी मना रहे थे। उसी समय सासाराम के तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल और उसके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया का इन युवकों के साथ बकझक हो गई। अचानक ट्रैफिक डीएसपी और उनके गार्ड अंधाधुंध फायरिंग करने लगे। फायरिंग में चार जख्मी हो गये। वहीं ओम प्रकाश की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थान पर सबके सामने यह हत्याकांड हुई। अगले दिन टाउन थाना में प्राथमिकी दर्ज हुई, लेकिन अनुसंधान ठीक से नहीं हो रहा है। घटना के चार महीने बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस अफसर की गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस आरोपी को बचाने में लगी है।
वहीं सरकार का बचाव करते हुए कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने इस मामले के अनुसंधान का जिम्मा सीआईडी को सौंप दिया है। कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए सूबे के डीजीपी को त्वरित कार्रवाई कर इस हत्याकांड के आरोपियों को गिरफ्तारी करने का आदेश दिया। साथ ही एक सप्ताह के भीतर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करने को कहा। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।