2 महीने में 1.75 लाख ईवीएम की जांच; मॉडल 3 EVM से वोटिंग; बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज
बेंगलुरु स्थित ईवीएम निर्माणकर्ता कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) द्वारा निर्मित मॉडल-3 ईवीएम का उपयोग बिहार विधानसभा चुनाव में होगा। यह ईवीएम थर्ड जेनरेशन है और इसे ईवीएम मॉडल मार्क-3 मशीन कहा जाता है।
बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। भारत निर्वाचन आयोग ने पहले जिला स्तर के बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) एवं बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) एवं जिला निर्वाचन पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों को दिल्ली बुलाकर प्रशिक्षण दिया। उसके बाद बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की जिम्मेदारी एचआर श्रीनिवास के स्थान पर विनोद कुमार गुंजियाल को सौंपी गई। अब अगले दो माह में 1.75 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की फर्स्ट लेवल चेक (एफएलसी) होगी।
यह जांच जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी के निगरानी में होगी। ईवीएम निर्माता कंपनी के विशेषज्ञ जिलों में जाकर ईवीएम की सघन जांच करेंगे। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर राज्य में 2 मई से 30 जून तक ईवीएम की जांच होगी। जानकारी के अनुसार, बिहार को चुनाव आयोग से बिहार चुनाव को लेकर 22 हजार बैलेट यूनिट मिली है। साथ ही, 16 हजार कंट्रोल यूनिट एवं 17 हजार वीवीपैट मशीन भी प्राप्त हुई है। वहीं, राज्य में पहले से एक लाख 52 हजार बैलेट यूनिट, एक लाख नौ हजार कंट्रोल यूनिट औ एक लाख 19 हजार वीवीपैट मशीन पहले से उपलब्ध है। इन सभी ईवीएम की फर्स्ट लेवल जांच होगी।
त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करने को विशेष प्रशिक्षण शुरू
बिहार विधानसभा चुनाव-2025 की तैयारियों के तहत भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य में त्रुटि रहित मतदाता सूची तैयार करने के लिए व्यापक प्रशिक्षण अभियान शुरू किया है। इसी क्रम में बिहार के 27 मास्टर ट्रेनर्स को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट (आईआईआईडीईएम) में विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है। इनमें 16 राष्ट्रीय और 11 राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनर शामिल हैं।
आयोग ने मतदाता सूची की शुद्धता को सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। इसके लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही, राजनीतिक सहभागिता को सुनिश्चित करने के लिए राज्य के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा नामित बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) को भी प्रशिक्षित किया गया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले माह के अंत तक चलेगा। बिहार में कुल 77, 895 मतदान केंद्र हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना महत्वपूर्ण है।
आयोग ने राज्य और जिला स्तर पर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी बैठकें आयोजित कर सुझाव प्राप्त किए हैं, ताकि मतदाता सूची को पूरी तरह सटीक और अपडेट बनाया जा सके।
मॉडल-3 ईवीएम का होगा उपयोग
बेंगलुरु स्थित ईवीएम निर्माणकर्ता कंपनी इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) द्वारा निर्मित मॉडल-3 ईवीएम का उपयोग बिहार विधानसभा चुनाव में होगा। यह ईवीएम थर्ड जेनरेशन है और इसे ईवीएम मॉडल मार्क-3 मशीन कहा जाता है। ईवीएम दो मशीनों कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट से मिलकर बनी है। ईवीएम की कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी या मतदान अधिकारी के पास रखी जाती है।
बैलेट यूनिट को मतदाताओं द्वारा मत डालने के लिए वोटिंग कंपार्टमेंट के भीतर रखा जाता है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि मतदान अधिकारी मतदाता की पहचान की पुष्टि कर सके। इसमें चिप के सॉफ्टवेयर कोड पढ़ा नहीं जा सकता है और न ही उसे दोबारा लिखा जा सकता है। इसे इंटरनेट या किसी नेटवर्क से नियंत्रित भी नहीं किया जा सकता है।