बिहार के इस रूट पर बढ़ेगी ट्रेनों की संख्या और रफ्तार, नेपाल जाना आसान; क्या है रेलवे का प्लान?
मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण का काम जल्द शुरू होगा। इस काम के लिए 1,800 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इसके लिए समस्तीपुर रेलमंडल के अभियंताओं ने बीते माह सर्वेक्षण किया था और रेल मुख्यालय को स्टीमेट भेजा था।
बिहार के मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी दोहरीकरण के शिलान्यास के बाद तिरहुत के लोगों का मिथिला से जुड़ाव बढ़ेगा। वाणिज्यिक के साथ साथ धार्मिक सर्किट भी विकसित होगा। मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों के लोगों का नेपाल जाना भी आसान होगा। इसके अलावा दोहरीकरण से मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी (65 किमी) रेलखंड पर ट्रेनों की संख्या के साथ इसकी रफ्तार भी बढ़ेगी। सीतामढ़ी का सफर भी कम समय में तय हो सकेगा। क्रॉसिंग के लिए ट्रेनों को नहीं रोका जाएगा।
मालूम हो कि, मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड के दोहरीकरण का काम जल्द शुरू होगा। इस काम के लिए 1,800 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है। इसके लिए समस्तीपुर रेलमंडल के अभियंताओं ने बीते माह सर्वेक्षण किया था और रेल मुख्यालय को स्टीमेट भेजा था। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए गुरुवार को इसका शिलान्यास किया है। इसमें जल्द ही टेंडर की तारीख घोषित की जाएगी। इसके अलावा सीतामढ़ी-दरभंगा-नरकटियागंज भाया सीतामढ़ी रेलखंड का भी दोहरीकरण होगा।
रूट बंद होने पर इससे होता है परिचालन
मुजफ्फरपुर-बेतिया-गोरखपुर रूट बंद होने के बाद यह रेलखंड मुजफ्फरपुर के लिए संजीवनी साबित होता है। यह मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी, रक्सौल, नरकटियागंज को गोरखपुर से जोड़ता है। यह मुजफ्फरपुर को सीतामढ़ी, दरभंगा होते हुए समस्तीपुर से भी जोड़ता है। उक्त रूट के दोहरीकरण की खबर से लोगों में हर्ष और उल्लास का माहौल है।
जंक्शन पर अधिकारियों ने रेलमंत्री को सुना
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव की घोषणाओं को गुरुवार को जंक्शन पर लाइव टेलिकास्ट हुआ। जंक्शन के वीआईपी कक्ष में सोनपुर रेलमंडल के डीसीएम अमृतेश कुमार, सुबोध ठाकुर, नीरज पांडेय व अन्य पदाधिकारियों ने रेलमंत्री को सुना। लाइव टेलिकास्ट के माध्यम से रेलमंत्री को अधिकारियों-पदाधिकारियों और अन्य ने सुना।