अब तलाशी और जब्ती में मनमानी नहीं कर पाएगी बिहार पुलिस, विभाग से ये निर्देश जारी
- निर्देश जारी किया गया है कि अंदर पहुंचने के बाद उक्त पुलिस पदाधिकारी या कर्मी वीडियो में सबसे पहले अपना परिचय देंगे। उसके बाद वहां मौजूद परिसर के मालिक और अन्य लोगों की तलाशी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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बिहार पुलिस किसी परिसर की तलाशी या जब्ती की कार्रवाई में मनमानी नहीं कर पाएगी।भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 105 के तहत पुलिस जब भी कहीं पर तलाशी लेगी या जब्ती की कार्यवाही करेगी तो उसकी वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य होगा। नए आपराधिक कानून के इस प्रावधान के बेहतर तरीके से निष्पक्ष होकर क्रियान्वयन को लेकर मानक प्रक्रिया तैयार किया गया है। इसके तहत यह तय किया गया है कि पुलिस जब भी तलाशी और जब्ती के लिए किसी परिसर में जाएगी तो प्रवेश से पहले ही वीडियोग्राफी शुरू कर दी जाएगी।
निर्देश जारी किया गया है कि अंदर पहुंचने के बाद उक्त पुलिस पदाधिकारी या कर्मी वीडियो में सबसे पहले अपना परिचय देंगे। उसके बाद वहां मौजूद परिसर के मालिक और अन्य लोगों की तलाशी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
कोर्ट के वारंट के आधार पर तलाशी जब्ती हो तो उसकी भी जानकारी देनी होगी
तलाशी और जब्ती प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए यह निर्देश दिया गया है कि कार्यवाही अगर कोर्ट के वारंट के आधार पर की जा रही हो तो वीडियोग्राफी में उस वारंट को भी दर्शाया जाए और उसका ब्योरा रिकॉर्ड किया जाएगा। तलाशी और जब्ती लेने पहुंचे पुलिस पदाधिकारी का नाम, केस का ब्योरा, क्या मामला था, तलाशी की तिथि, समय, स्थान की जानकारी भी उस वीडियोग्राफी में रिकॉर्ड करना जरूरी होगा।
इतना कुछ करने के बाद तलाशी की कार्यवाही को औपचारिक रूप से प्रारंभ करने की घोषणा को रिकॉर्ड कर उसे शुरू किया जाएगा। वीडियोग्राफी शुरू होने के बाद उस स्थल के चारों तरफ के दृश्य को रिकॉर्ड किया जाएगा, आस के भवनों या लैंडमार्क का भी वीडियो बनाना जरूरी होगा।
तलाशी व जब्ती की कार्रवाई को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश
● परिसर के सभी कमरों और स्थानों की रिकॉर्डिंग करनी जरूरी होगी
● बहुमंजिला इमारत होने पर सभी तलों की तलाशी बारी-बारी से होगी
● जो भी सामान जब्त किया जा रहा, उसका ब्योरा भी रिकॉर्ड होगा
● जब्ती सूची की कॉपी परिसर मालिक को दिए जाने की भी रिकॉर्डिंग
● जब्त सामान को परिसर से बाहर लाने तक की वीडियोग्राफी होगी
● परिसर से बाहर आकर आईओ कार्यवाही समाप्त होने की बात कहेंगे
● रिकॉर्डिंग एसडी कार्ड में की तो उसे सीलबंद लिफाफे में कोर्ट भेजेंगे
एसडी कार्ड में रिकॉर्डिंग तो ब्योरा भी रिकॉर्ड करेंगे
तलाशी और जब्ती की कार्यवाही को पारदर्शी और सख्त बनाने के लिए अन्य महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं। अगर मोबाइल फोन में एसडी कार्ड लगाकर रिकॉर्डिंग की जा रही और वीडियो को स्टोर किया जा रहा है तो उसकी जानकारी भी वीडियोग्राफी में दी जाएगी। आईओ या अन्य पुलिस पदाधिकारी साक्षियों के समक्ष ही लैपटॉप, पेनड्राइव या सीडी में उसकी एक प्रति तैयार करेंगे। उसके बाद मोबाइल की रिकॉर्डिंग को उससे मिलाकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोनों वीडियोग्राफी में कोई अंतर न हो।