मुड़वरिया नरसंहार के 38 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी, पांच मर्डर और कई महिलाओं का हुआ था रेप
शेखपुरा जिले के मुड़वरिया में 31 साल पहले हुए नरसंहार के 38 आरोपियों को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। दो जातियों के बीच हुए संघर्ष में पांच लोगों की जान चली गई थी। वहीं, कई महिलाओं का रेप किया गया था।
बिहार के शेखपुरा जिले के टाल क्षेत्र में हुए चर्चित मुड़वरिया नरसंहार के 38 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। जिला न्यायालय के अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निषेध अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मधु अग्रवाल ने मंगलवार को खचाखच भरे कोर्ट में अपना फैसला सुनाया। साल 1993 के जनवरी महीने में दो जातियों के बीच आपसी वर्चस्व की लड़ाई में एक पक्ष के चार एवं दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की हत्या की गई थी। इसके अलावा कई महिलाओं का रेप कर दिया गया था। इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया था।
मामले की सुनवाई के दौरान कई आरोपियों की मृत्यु हो गई, तो कई की रिहाई पहले ही विभिन्न न्यायालयों द्वारा की जा चुकी है। 31 सालों की लंबी न्यायिक कार्यवाही के बाद मामले का पटाक्षेप शेष बच गए 38 अभियुक्तों की रिहाई के साथ हुआ। इन आरोपियों के वकील रवींद्र प्रसाद, किराणी प्रसाद, मो तसीमुद्दीन आदि ने बताया कि 1993 में हुई घटना की सुनवाई मुंगेर न्यायालय में शुरू हुई थी। बाद में शेखपुरा जिला न्यायालय की स्थापना के बाद मामले का न्यायिक विचारण यहां शुरू हुआ।
मामले में अंतिम कार्रवाई करते हुए न्यायाधीश ने बच्चू धानुक, राम गुलाम महतो, राम जी महतो, रामनाथ महतो, प्रताप महतो , रामू महतो, जगदीश महतो, रक्षा महतो, विभीषण महतो, पदार्थ उर्फ राम पदारथ महतो, विजय महतो, रामविलास महतो , अवध महतो, चांदो महतो, दुखी महतो, नरसिंह महतो, अनिक महतो, तनिक महतो, प्रकाश महतो, किशोरी महतो, मिथिलेश महतो, बिनो महतो, रूपन महतो, दारो महतो, इंदर महतो, अयोध्या महतो, किशोरी महतो, विष्णुदेव महतो, लखिंदर महतो, भागीरथ महतो, सुखो महतो, चनिरक महतो, रामाश्रय महतो, अर्जुन महतो, सागर महतो, रामबालक महतो आदि को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया।