रेलवे में फर्जी नौकरी का सरगना मोतिहारी का छात्र नेता, एक महिला की भी तलाश; करोड़ों की ठगी उजागर
- हाजीपुर जेल में बंद पूर्वी चंपारण के डुमरिया घाट थाने के सेमुआपुर निवासी दीपक तिवारी और पूर्वी चंपारण जिले के ही कोड़वा थाने के अमवा गांव निवासी सक्षम श्रीवास्तव ने स्वीकारोक्ति बयान में मोतिहारी के एक छात्र नेता और आंध्र प्रदेश के एक मंत्री के करीबी महिला की संलिप्तता बताई है।

बिहार के साथ अन्य राज्यों में रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह का धीरे-धीरे पर्दाफाश होने लगा है। इस मामले में लोगों से नौकरी के एवज में करोड़ों की ठगी करने वाले संगठित अंतर्राज्यीय गिरोह के हाजीपुर जेल में बंद दो सदस्यों ने पूछताछ में स्वीकारोक्ति बयान में जीआरपी के समक्ष बड़ा खुलासा किया है। कहा कि मोतिहारी के एक राजनीतिक दल के छात्र संगठन से जुड़े नेता और आंध्र प्रदेश के एक मंत्री की करीबी महिला की इसमें संलिप्तता है।
शुक्रवार की देर शाम जीआरपी थानाध्यक्ष धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि हाजीपुर जेल में बंद पूर्वी चंपारण के डुमरिया घाट थाने के सेमुआपुर निवासी दीपक तिवारी और पूर्वी चंपारण जिले के ही कोड़वा थाने के अमवा गांव निवासी सक्षम श्रीवास्तव ने स्वीकारोक्ति बयान में मोतिहारी के एक छात्र नेता और आंध्र प्रदेश के एक मंत्री के करीबी महिला की संलिप्तता बताई है। पुलिस इस महिला की तलाश में जुट गई है।
गिरफ्तार दीपक तिवारी और सक्षम श्रीवास्तव के पास से फर्जी दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य के अलावा एक पिस्टल, दो मैगजीन और 14 लाइव एम्युनेशन को भी जब्त किया गया था। मोतिहारी के छात्र नेता को नोटिस भेज कर पूछताछ के लिए जीआरपी थाने पर बुलाया गया है। जांच एजेंसी को उम्मीद है कि छात्र नेता से पूछताछ से मामले का उद्भेदन हो जाएगा।
मालूम हो कि आरपीएफ और सीआईबी ने छापेमारी कर मोतिहारी में चल रहे आरपीएफ के फर्जी ट्रेनिंग सेंटर का पर्दाफाश किया था। साथ ही विभिन्न विभागों में सैकड़ों लोगों से नौकरी के एवज में करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले संगठित अंतर्राज्यीय गिरोह के दो सदस्यों को भी गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तार दोनों आरोपितों को जीआरपी ने सोनपुर रेलवे मजिस्ट्रेट की अनुमति से हाजीपुर जेल से पूछताछ को लेकर 48 घंटे के लिए पुलिस रिमांड पर लिया था। पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारियां मिली हैं जिनके आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है।