कई मां ने मुफलिसी में भी जीकर बेटे को बनाया देश का सीनियर ऑफिसर
मदर्स डे 11 मई पर विशेष :कई मां ने मुफलिसी में भी जीकर बेटे को बनाया देश का सीनियर ऑफिसरकई मां ने मुफलिसी में भी जीकर बेटे को बनाया देश का सीनियर ऑफिस

खगड़िया। जितेन्द्र कुमार बबलू जिले की कई मांओं ने मुफलिसी में भी जीकर बेटे को बनाया देश का सीनियर ऑफिसर बनाया। कोई भी जीवट परिस्थिति इनके बुलंद इरादे में बाधा नहंी बनी। तमाम झंझावतों के बाद अपने त्याग, संघर्ष व तपस्या से बच्चे वह मुकाम दिलाया जिस पर सभी लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। वही अन्य मांओं के लिए भी प्रेरणा बन गई है। जिले के मानसी प्रखंड अंतर्गत सैदपुर गांव स्थित मायके में किराना दुकान चलाकर प्रमीला देवी ने आर्थिक तंगी से जूझते हुए अपने पुत्र अमित कुमार को आईएएस ऑफिसर बनाया। वर्ष 2024 के यूपीएससी की परीक्षा में उन्होंने 501वां रैंक लाया।
अमित इससे पहले 2021-22 में यूपीएससी की परीक्षा में आईएफ एस में क्वाफिाई किया था। प्रमीला देवी ने बच्चों की पढ़ाई में पैसे को बाधक नहंी बनने दी। वही उसने छोटे बेटे सुमित कुमार को एमबीबीएस डॉक्टर बनाया। गृहिणी मां ने बेटे को बनाया डीएम: जिले के मानसी प्रखंड अन्तर्गत चुकती गांव निवासी गृहिणी इंदु देवी ने अपने इकलौते पुत्र सावन कुमार को डीएम बनाया। सावन फिलहाल कैमूर जिले में डीएम के पद पर कार्यरत हैं। सावन एक बार नहंी बल्कि दो बार यूपीएससी की परीक्षा पास की। वर्ष 2014 में उसने 818वां रैंक लाया। इसके बाद फिर वर्ष 2015 की परीक्षा में 285वां रैंक लाया। डीएम सावन कुमार ने बताया कि वह मां की प्रेरणा से ही आगे बढ़ पाया है। आज जो कुछ भी उन्हीं के बदौलत हैं। मां की त्याग व तपस्या से ही उन्हें आगे बढ़ने का आत्मविश्वास मिला। श्रद्धा देवी ने स्वयं योग का प्रशिक्षण देकर बेटी को 184 योग कलाओं में दिलायी महारथ: शहर के लोहापट्टी शिवालय रोड की रहने वाली श्रद्धा त्यागी ने अपनी इकलौती पुत्री श्रेया त्यागी को योग की 184 कलाओं में निपुण बनाया। श्रेया को वर्ष 2014 में दिल्ली में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से नवाजा गया। श्रेया अपनी योग कला के कारण योग परी के नाम से जानी जाती है। उसकी योग कला के बाबा रामदेव भी मुरीद हैं। श्रेया ने बताया कि मां उसकी योग गुरु है। सवा दो साल की उम्र से ही मां सूबे के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों में ले जाती थी। वह बिहार के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के काठमांडू, सिक्किम, पोर्टब्लेयर में भी सम्मानित हो चुकी हैं। इसके अलावा जयपुर में एम्बेसी लिट्ल स्टार अवार्ड व पटना में राष्ट्रीय युवा पुरस्कार मिल चुका है। गृहिणी सुलोचना देवी की बेटी नेहा बिहार फुटबॉल टीम की बनी कैप्टन: जिले के मानसी नगर पंचायत की रहने वाली सुलोचना देवी अपनी बेटी नेहा को बिहार महिला फुटबॉल टीम का कप्तान बनायी। वर्ष 2021 में नेहा को बिहार महिला फुटबॉल टीम का कैप्टन बनाया गया। वह एक साल तक बिहार टीम का नेतृत्व किया। राष्ट्रीय खेल दिवस पर वर्ष 2014 व 2016 में तत्कालीन खेलमंत्री विनय बिहारी व शिवचन्द्र राम ने उन्हें सम्मानित किया। नेहा ने बताया कि मां की प्रेरणा से ही वह प्रतिकूल माहौल में घर से निकलकर फुटबॉल मैदान तक पहुंची। फोटो: नाम से कैप्शन: प्रमीला देवी, इन्दु देवी, श्रद्धा त्यागी, सुलोचना देवी।
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