अयोध्या में राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले कामेश्वर चौपाल का निधन, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम सांस
- बिहार बीजेपी ने एक्स पर कहा, 'उन्होंने सम्पूर्ण जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया। मां भारती के सच्चे लाल थें। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।। बिहार भाजपा परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!'

अयोध्या में राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले और राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया है। बिहार बीजेपी ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट कर कामेश्वर चौपाल के निधन की पुष्टि की है। कामेश्वर चौपाल का पार्थिव शरीर दोपहर 2:00 तक पटना एयरपोर्ट पहुंचेगा, उसके बाद उनके शव को भाजपा प्रदेश कार्यालय में भी लाया जाएगा।
कामेश्वर चौपाल के निधन के बाद बिहार बीजेपी की तरफ से एक्स पर लिखा गया, 'राम मंदिर की पहली ईंट रखने वाले, पूर्व विधान पार्षद, दलित नेता, राम जन्मभूमि ट्रस्ट के स्थाई सदस्य, विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष रहे, श्री कामेश्वर चौपाल जी के निधन की खबर सामाजिक क्षति है। उन्होंने सम्पूर्ण जीवन धार्मिक और सामाजिक कार्यों में समर्पित किया। मां भारती के सच्चे लाल थें। ईश्वर पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान एवं उनके परिजनों को संबल प्रदान करें।। बिहार भाजपा परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि!'
कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कामेश्वर चौपाल ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली है। कामेश्वर चौपाल को संघ का प्रथम कार सेवक होने का दर्जा भी हासिल है। कामेश्वर चौपाल बिहार विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। कामेश्वर चौपाल का कद बिहार बीजेपी में काफी बड़ा था। अपनी साफ-सुथरी छवि की वजह से वो लोगों के बीच काफी प्रिय थे। कामेश्वर चौपाल अयोध्या में राम मंदिर को लेकर पूरी तरह समर्पित थे।
कामेश्वर चौपाल मूल रूप से बिहार के सहरसा के रहने वाले थे। बताया जाता है कि 9 नवंबर 1989को कामेश्वर चौपाल ही वो शख्स थे जिन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर की पहली ईंट रखी थी। बताया जाता है कि उस वक्त वो विश्व हिंदू परिषद यानी VHP के स्वयंसेवक थे।