क्या है 'पेन', जिसके बिना अब बिहार के स्कूलों में छात्रों का नहीं होगा एडमिशन
- पेन, अपार कार्ड से अलग है। अपार बनाने के लिए भी पेन अनिवार्य है। यह स्कूल द्वारा ही बच्चों को जारी किया जाता है। जिन बच्चों का पेन नहीं होगा, उनका अपार नहीं बनाया जाएगा।
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बिहार के स्कूलों में नामांकन के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) अनिवार्य कर दिया गया है। दूसरी या इससे ऊपर की कक्षाओं में नामांकन के लिए पेन होना अनिवार्य है। किसी भी आवेदन में अगर परमानेंट एजुकेशन नंबर नहीं होगा या गलत पेन होगा तो आवेदन रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही निजी और सरकारी स्कूलों में नामांकित बच्चों के लिए अपार आईडी भी अनिवार्य कर दी गई है। जिन बच्चों का पेन नहीं होगा उनकी अपार आईडी भी नहीं बनेगी।
क्या है परमानेंट एजुकेशन नंबर
परमानेंट एजुकेशन नंबर (पेन) एक खास पहचान संख्या है। यह छात्रों को उनके शैक्षिक जीवन की शुरुआत में दी जाती है। यह नंबर छात्र की पहचान को बरकरार रखता है। यह नंबर स्कूल से ही विद्यार्थियों के लिए जनरेट किया जाता है।
अपार कार्ड से कैसे है यह अलग
पेन, अपार कार्ड से अलग है। अपार बनाने के लिए भी पेन अनिवार्य है। यह स्कूल द्वारा ही बच्चों को जारी किया जाता है। जिन बच्चों का पेन नहीं होगा, उनका अपार नहीं बनाया जाएगा।
पेन से जुड़ीं बातें
● यह नंबर आधार कार्ड की तरह ही होता है
● यह नंबर 12 अंकों का होता है
● यह नंबर यू-डायस पोर्टल पर अपलोड होने के बाद जारी किया जाता है
● इसके जरिए विद्यार्थियों के शैक्षणिक गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है
● इसके जरिए छात्रों का सत्यापन कराया जाता है
पटना के डीईओ संजय कुमार ने कहा कि बच्चों के लिए परमानेंट एजुकेशन नंबर अनिवार्य है। यह स्कूल द्वारा ही बच्चों को जारी किया जाता है। जिन बच्चों का पेन नहीं होगा, उनका अपार कार्ड नहीं बनाया जाएगा।